बैकुुठपुर : चमनपुरा पंचायत का चुनावी मानचित्र बदलाव की तरफ अग्रसर है. आरक्षित होने से अब यहां अतिपिछड़ा महिला पंचायत की कमान संभालेंगी. चर्चा है कि इस बार चुनाव का गणित पूरी तरह से बदलनेवाला है. पंचायती राज कायम होने के बाद सर्वप्रथम यहां के मुखिया ब्रह्मर्षी परिवार के अग्रणी इसी गांव के दिघवैत शिवनाथ सिंह बने थे. बाद में लोगों ने उन्हें निर्विरोध मुखिया चुना. वर्ष 1978 तक पद का दायित्व संभाला.
उसके बाद की चुनावी जंग में इसी गांव के अन्य ब्रह्मर्षी सदस्य डॉ राम एकबाल सिंह को लोगों ने मुखिया चुन कर पंचायत की कमान सौंप दी. डॉ सिंह ने लगातार 23 वर्षों तक संभाला. एक लंबे अंतराल के बाद जब वर्ष 2001 में चुनाव हुआ, तो पूर्व मुखिया के पुत्र वीरेंद्र प्रसाद सिंह को जिता कर लोगों ने विरासत संभालने की जिम्मेवारी दे दी. मगर, वर्ष 2006 में सामान्य महिला सीट हो जाने से इस बार अधिवक्ता शत्रुघ्न यादव की पत्नी अनीता यादव जीत का परचम लहरा कर मुखिया बन गयी.
पंचायत में अपनी पहचान का अलख जगाते हुए वर्ष 2011 के आयोजित चुनाव में विरासत की बाजी लौटी व पूर्व मुखिया परिवार से ही वीरेंद्र प्रसाद सिंह की पत्नी सावित्री देवी को पंचायत के लोगों ने पुन: मुखिया बना दिया. इस प्रकार ओवर ऑल इस पंचायत पर पूर्व से ब्रह्मर्षी परिवार का मुखिया पद पर कब्जा रहा है. इस बार यह पंचायत अतिपिछड़ा महिला वर्ग के लिए आरक्षित हुआ है.
ऐसे में मुखिया पद पर लगातार बने रहनेवाले परिवार से अब बीडीसी सदस्य के लिए अपनी पृष्ठभूमि की तैयारी जोरों पर जारी है. वहीं, मुखिया पद के लिए आरक्षित सीट होने से एक दर्जन से अधिक संभावित प्रत्याशी खुल कर सामने आये हैं.
कृषि समस्या होगी चुनावी मुद्दा
इस पंचायत की समस्या मुख्य रूप से कृषि की समस्या है. कृषि प्रधान इस पंचायत में न तो कहीं नलकूप की व्यवस्था है और न ही नहर परियोजना का लाभ मिला है. इसके चलते खेती राम भरोसे होती है. यह पंचायत 11890 की आबादी लिए 7546 मतदाताओं के हाथों आगामी सरकार बनाने के फैसले का जिम्मेवार है.