गोपालगंज : गेहूं के क्रय केंद्र पर किसान अपना गेहूं नहीं दे रहे हैं. किसानों को क्रय केंद्र से अधिक मूल्य बाजार में गेहूं बेचने पर मिल रहा है. गेहूं की डिमांड बाजारों में भी अधिक है. बाजार में किसानों को आसानी से भुगतान मिल रहा है, जिसके कारण किसान पैक्स के चक्कर में पड़ना नहीं चाहते हैं.
आज तक हजारों किसानों को उनके धान का भुगतान नहीं मिल सका है. किसान भुगतान के लिए चक्कर लगा रहे हैं. ऐसी स्थिति में किसान बाजार में अपना गेहूं उधार भी देने को तैयार है. कारण स्पष्ट है,जब चाहेंगे भुगतान मिलेगा. इस बार गोपालगंज में 45 हजार मिटरिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है.
कई पैक्सवालों ने किसानों से संपर्क कर उनका गेहूं कटाई के दौरान ही ले लिया.राज्य खाद्य निगम तथा पैक्स को गेहूं खरीदने के लिए अधिकृत किया गया है, लेकिन राज्य खाद्य निगम के 14 क्रय केंद्रों पर आज तक धान से गोदाम भरा है. नतीजा है कि यहां एक छटाक गेहूं लेने की क्षमता नहीं है, जिसके कारण एसएफसी ने अब तक अपना क्रय केंद्र नहीं खोला है.
पैसे की कमी और गोदाम के अभाव के बीच किसानों को उनका लाभ नहीं मिल पा रहा है. गेहूं के समर्थन मूल्य से बाजार भाव अधिक होने के कारण किसान अपना गेहूं क्रय केंद्रों पर देने के लिए दबाव नहीं बना रहे . दूसरा कारण यह भी है कि अधिकारी भी क्रय केंद्रों को लेकर भी सुस्त है.
एक बात और स्पष्ट कर दें कि पिछली बार धान में अधिसंख्य किसानों के धान एक हजार रुपये की दर पर भुगतान किया गया,जबकि उनको 1250 रुपये प्रति क्विंटल देना था. 250 रुपये पर प्रति क्विंटल कुछ पैक्स वालों ने बंदरबांट किया . गेहूं में ऐसा नहीं हो पा रहा .
– अवधेश कुमार राजन –