गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल हैं साहेब आलमपांच वर्षों से हैं बढ़ेया दुर्गापूजा समित के अध्यक्षइलाके में सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारे के लिए रहते हैं तत्परमुसलिम होकर भगवती की पूजा में बढ़-चढ़ कर लेते हैं भागसंवाददाता, गोपालगंजबरौली में साहेब आलम गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल हैं. ये पांच वर्षों से नवयुवक दुर्गा समिति, बढ़ेया मोड़ के अध्यक्ष हैं. प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी यहां भव्य पंडाल आकार ले रहा है. अपनी अध्यक्षता में प्रतिमा और पंडाल को अंतिम रूप देने में साहेब जी-जान से लगे हुए हैं. यहां पहुंचते ही मजहबी बातें खत्म हो जाती हैं. इनके अलावा मिलन सिंह, चंद्रकिशोर तिवारी, विश्वामित्र, अवधेश सिंह सहित एक दर्जन से अधिक सदस्य लगे हुए हैं. बढ़ेया मोड़ पर दुर्गापूजा विगत 15 वर्षों से आयोजित हो रही है. एक नजर में पूजा समिति व पंडाल स्थापना वर्ष- 1996लागत – 1.75 लाखपंडाल की आकृति – देवी मंदिर सचिव – सुरेंद्र सिंह विशेष आकर्षक- अत्याधुनिक बिजली की सजावट भक्तों के लिए – प्रसाद की व्यवस्था विशेषता – पूर्णत: धार्मिक और वैदिक पद्धति पर कार्यक्रम विसर्जन में – लाउडस्पीकर का उपयोग वर्जित क्या कहते हैं अध्यक्ष प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी मां की पूजा की जा रही है. प्रयास है कि आनेवाले किसी भी भक्त को किसी तरह का कष्ट न हो तथा मां से विनती है समाज-व्यक्ति सभी को सुख-शांति प्रदान करे.साहेब आलम, नवयुवक दुर्गा समिति, बढ़ेया मोड़
गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल हैं साहेब आलम
गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल हैं साहेब आलमपांच वर्षों से हैं बढ़ेया दुर्गापूजा समित के अध्यक्षइलाके में सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारे के लिए रहते हैं तत्परमुसलिम होकर भगवती की पूजा में बढ़-चढ़ कर लेते हैं भागसंवाददाता, गोपालगंजबरौली में साहेब आलम गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल हैं. ये पांच वर्षों से नवयुवक दुर्गा समिति, बढ़ेया मोड़ के अध्यक्ष […]
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