भोरे: तस्करी के लिए रखे गये प्रतिबंधित खैर की लकड़ी को पुलिस ने जब्त कर लिया है. लकड़ी की कीमत लगभग सात करोड़ बतायी जा रही है. बताया जाता है कि इसे एक बगीचे में काट कर तस्करी के लिए रखा गया था. पुलिस ने लकड़ी जब्त करते हुए वहां तीन चौकीदारों की प्रतिनियुक्ति की है. बताया जाता है कि कटेया थाना क्षेत्र के सियाही नदी के किनारे से करोड़ों रुपये मूल्य की प्रतिबंधित खैर की लकड़ी को काट कर भोरे थाना क्षेत्र के खजुरिया गांव के एक बगीचे में रखा गया था, जिसे बाद में ट्रक के माध्यम से कानपुर भेजा जाना था. इसकी सूचना जब भोरे पुलिस को लगी, तो उसने तुरंत ही लकड़ी को जब्त करते हुए वहां तीन चौकीदारों की ड्य़ूटी लगा दी. बता दें कि वर्ष 2009 से कटेया, गोपालपुर एवं भोरे के कुछ इलाकों से खैर की लकड़ी की अवैध कटाई जारी थी, जिसे बड़ी ही आसानी से कानपुर भेजा जाता था. इस धंधे में मोतिहारी के कुछ लोगों का जुड़ा होना बताया जा रहा है, जो स्थानीय स्तर पर बड़ी संख्या में खैर की लकड़ी की कटाई कर रहे हैं. ध्यान रहे कि खैर की लकड़ी के बीच के हिस्से से कत्था बनाया जाता है. इस लकड़ी की कीमत बाजार में तीन हजार रुपये प्रति किलो तक बतायी जा रही है. इससे पूर्व भी भोरे पुलिस ने वर्ष 2010 में खैर की लकड़ी को बरामद किया था. वैसे भोरे पुलिस द्वारा जब्त की गयी लकड़ी की कीमत करोड़ों में है.
भोरे में खैर की लकड़ी जब्त
भोरे: तस्करी के लिए रखे गये प्रतिबंधित खैर की लकड़ी को पुलिस ने जब्त कर लिया है. लकड़ी की कीमत लगभग सात करोड़ बतायी जा रही है. बताया जाता है कि इसे एक बगीचे में काट कर तस्करी के लिए रखा गया था. पुलिस ने लकड़ी जब्त करते हुए वहां तीन चौकीदारों की प्रतिनियुक्ति की […]
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