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खतरे में रहती है नौनिहालों की जान
गोपालगंज : शहर के डीएवी प्लस टू स्कूल के जर्जर भवनों में नौनिहालों की जान खतरे में है. जान खतरे में डाल कर ही स्टूडेंट पढ़ाई करते हैं. स्कूल के 11 भवन पुराने हैं और काफी जर्जर हो गये हैं. वर्षों पुराने इन भवनों की छत व दीवार में कई जगह दरारें पड़ गयी हैं. […]
गोपालगंज : शहर के डीएवी प्लस टू स्कूल के जर्जर भवनों में नौनिहालों की जान खतरे में है. जान खतरे में डाल कर ही स्टूडेंट पढ़ाई करते हैं. स्कूल के 11 भवन पुराने हैं और काफी जर्जर हो गये हैं. वर्षों पुराने इन भवनों की छत व दीवार में कई जगह दरारें पड़ गयी हैं. दीवार का प्लास्टर भी बार-बार टूट कर गिरता रहता है. इससे छात्रों के मन में हमेशा छत के टूटने का डर समाया रहता है. कई बार तो प्लास्टर टूट कर छात्रों के शरीर पर भी गिर चुका है, जिससे उन्हें चोट भी पहुंची थी.
वहीं बारिश में छत से पानी टपकता रहता है. जब भी तेज बारिश होती है, तो छत से पानी टपकने लगता है. इससे छात्रों को काफी परेशानी होती है. वहीं स्कूल ग्राउंड भी आसपास की सड़क से नीचे हो गया है. इससे बारिश होने पर काफी जलजमाव हो जाता है. छात्रों व शिक्षकों को भारी जलजमाव के बीच ही स्कूल परिसर में जाना पड़ता है, जिससे उनके कपड़े भी खराब होते हैं.
शिक्षकों की है भारी कमी : स्कूल में करीब 2600 छात्र-छात्राओं का नामांकन हुआ है. स्कूल में इन छात्रों के लिए औसतन 65 शिक्षकों की आवश्यकता है, लेकिन स्कूल में महज 28 शिक्षक ही कार्यरत हैं.
शिक्षकों की भारी कमी के कारण कई विषयों की नियमित क्लास नहीं चलती है. कई शिक्षकों को क्षमता से अधिक क्लास लेनी पड़ती है. कई क्लास तो शिफ्ट वाइज चलानी पड़ती है. शिक्षकों की कमी व नियमित क्लास नहीं चलने से छात्रों का सिलेबस पूरा नहीं होता है. इससे छात्र परेशान होते हैं.
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