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‘शिल्पकारों की बने डायरेक्टरी’

गया: गांधी मैदान में एक फरवरी से उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान, पटना के तत्वावधान में आयोजित हस्तशिल्प प्रदर्शनी व मेले का समापन शुक्रवार को हो गया. इस दौरान चयनित छह स्टॉलों, विभिन्न प्रतियोगिताओं के निर्णायकों व भाग लिए प्रतिभागियों में प्रथम, द्वितीय, तृतीय व हर प्रतियोगिता में तीन-तीन प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार भी दिया […]

गया: गांधी मैदान में एक फरवरी से उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान, पटना के तत्वावधान में आयोजित हस्तशिल्प प्रदर्शनी व मेले का समापन शुक्रवार को हो गया.

इस दौरान चयनित छह स्टॉलों, विभिन्न प्रतियोगिताओं के निर्णायकों व भाग लिए प्रतिभागियों में प्रथम, द्वितीय, तृतीय व हर प्रतियोगिता में तीन-तीन प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार भी दिया गया. प्रतिभागियों में सबसे अधिक पुरस्कार मदर प्राइड स्कूल के बच्चों ने जीता. इसके बाद हंसराज पब्लिक स्कूल व महावीर इंटर स्कूल का स्थान रहा. वहीं, दिल्ली पब्लिक स्कूल, डीएवी पब्लिक स्कूल, ब्रिटिश इंगलिश स्कूल आदि के छात्र-छात्रओं ने भी पुरस्कार जीते.

इस मौके पर मुख्य अतिथि आयुक्त आरके खंडेलवाल ने कहा कि हस्तशिल्प मेले को अच्छा रिस्पांस मिला. बिक्री व अन्य कार्यक्रमों का आयोजन के लिहाज से मेला बेहतर रहा. उन्होंने कहा कि संस्थान को चाहिए कि मेले में पहुंचे हस्तशिल्पियों व शिल्पकारों समेत उनके उत्पादों की डायरेक्टरी बनायी जाये. इससे न केवल मार्केटिंग बढ़ेगी, बल्कि नये कलाकार उनसे संपर्क कर अपना ज्ञान बढ़ा सकेंगे. उन्होंने कहा कि प्रगतिशील किसानों की तरह शिल्पकारों को भी अन्य राज्यों व संस्थानों में घुमाने की व्यवस्था हो, ताकि वह अपनी कला में निखार ला सकें. इससे उनका व्यक्तित्व विकास होगा. उन्होंने कहा कि हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत बचाये रखने के लिए इस तरह के मेले की अत्यंत आवश्यकता है. ऐसे मेले हर वर्ष लगाये जायें. बोधगया के टूरिज्म बाजार में हस्तशिल्प, काष्ठ शिल्प आदि के स्थायी स्टॉल लगाये जायें. इससे पैसा भी आयेगा और यहां की कला देश-दुनिया में प्रदर्शित होंगी.

गया सेंट्रल जेल के अधीक्षक प्रताप नारायण सिंह ने कहा कि यह मेला पहली बार लगा है. इसे हर साल लगाया जाना चाहिए. इस मौके पर सेंट्रल बिहार चैंबर आफ कामर्स के पूर्व अध्यक्ष डा अनूप केडिया, वरिष्ठ साहित्यकार गोवर्धन प्रसाद सदय, शिल्पकार रामचंद्र गौड़ ने संबोधित किया. इस दौरान हस्तशिल्प व हैंडलूम के तीन-तीन (कुल छह) स्टालों को उनके अच्छे प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया. हस्तशिल्प में काष्ठ कला में मानपुर के धीरज कुमार को पांच हजार व प्रमाण पत्र के साथ पहला, कटिहार के सिक्की शिल्प के लिए मो शमशाद को चार हजार व प्रमाण पत्र दूसरा व पटना की टिकुली पेंटिंग के लिए नीतू कुमारी को तीन हजार रुपये नगद व प्रमाण पत्र के साथ तीसरा दिया गया.

हैंडलूम में उमेश प्रसाद गुप्ता को पांच हजार व प्रमाण पत्र के साथ पहला, भागलपुर के मो समशीर अंसारी को चार हजार रुपये नगद व प्रमाण पत्र के साथ दूसरा व मो जलालुद्दीन को तीन हजार रुपये नगद व प्रमाण पत्र के साथ तीसरा पुरस्कार दिया गया. वहीं, विभिन्न प्रतियोगिताओं के निर्णायक रहे साहित्यकार गोवर्धन प्रसाद सदय, डॉ राधानंद सिंह, डॉ मंजू शर्मा व डॉ सुमन जैन को भी अंग वस्त्र व सिक्की शिल्प का सामान देकर सम्मानित किया गया. अतिथियों का स्वागत संस्थान के उप विकास पदाधिकारी अशोक कुमार सिन्हा ने किया. मंच का संचालन दूरदर्शन की अनाउंसर रेखा कुमारी ने किया. समापन मौके पर सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया गया.

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