गया. पानी संचय का प्रयास नहीं होने व प्रशासनिक विफलता के कारण 15 साल में गया पानी विहीन हो जायेगा. फिलहाल पानी की भीषण कमी से बिहार के 10 जिले जूझ रहे हैं.
उक्त बातें गुरुवार को परिसदन में प्रतिपक्ष के नेता डॉ प्रेम कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही. डॉ कुमार ने कहा कि उनके मंत्री रहते नीतीश कुमार की सहमति से एशियन डेवलपमेंट बैंक से ऋण लेकर साढ़े चार करोड़ का डीपीआर शहर में पानी की स्थिति सुधार के लिए तैयार किया गया था. लेकिन, चार साल गुजर जाने के बाद भी इस योजना पर काम चालू नहीं हो सका. योजना में निगम क्षेत्र के साथ-साथ बोधगया को भी पानी सप्लाइ की योजना थी. उन्होंने कहा कि शहर के उपरडीह व करसिल्ली मुहल्ले में पानी सप्लाइ के लिए जलमीनार बना लिया गया है, पर दोनों जगह आज तक पानी सप्लाइ शुरू नहीं हुई. शहर के अन्य कई मुहल्ले के लोग पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं. यही हाल माड़नपुर मुहल्ले का है. यहां पाइप लाइन का विस्तार किया गया है, पर सप्लाइ शुरू नहीं किया गया है.
इमामगंज, आमस व डुमरिया आदि प्रखंडों में भी इन दिनों पानी का भीषण संकट उत्पन्न हो गयी है. राज्य सरकार पानी के संकट को दूर करने के लिए सिर्फ बयानबाजी कर रही है. अधिकारी योजनाएं पूरी करने के नाम पर रुपयों की बंदरबांट कर रहे हैं. रिवर साइड के पूरे इलाके में बोरिंग का पानी पीने योग्य नहीं रहा. सप्लाइ का पानी भी गंदा है. उन्होंने बताया कि फल्गु में डैम बनाने की योजना पर सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही है. इसके अलावा शहर में बारिश के दिनों में जल संग्रह वाले सभी स्थानों का अतिक्रमण कर उन पर अधिकारियों की मिलीभगत से मकान व दुकान बनाये जा रहे हैं. अधिकारी अपने मन से यहां काम कर रहे हैं. किसी पर किसी का नियंत्रण नहीं है.