गया/खिजरसराय : गया शहर में गांधी मैदान स्थित भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के भवन की रंगाई-पुताई करने के दौरान गुरुवार की दोपहर एक मजदूर की गिरने से मौत हो गयी. मृत मजदूर की पहचान खिजरसराय थाना क्षेत्र के शादीपुर गांव के मनोज रविदास के रूप में हुई है. वह ठेकेदार तरुण सिंह के अधीन […]
गया/खिजरसराय : गया शहर में गांधी मैदान स्थित भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के भवन की रंगाई-पुताई करने के दौरान गुरुवार की दोपहर एक मजदूर की गिरने से मौत हो गयी. मृत मजदूर की पहचान खिजरसराय थाना क्षेत्र के शादीपुर गांव के मनोज रविदास के रूप में हुई है.
वह ठेकेदार तरुण सिंह के अधीन का काम कर रहा था. उधर, गया से शव लेकर शादीपुर गांव पहुंचे ठेकेदार के मुंशी को गांववालों ने बंधक बना लिया. बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से उसे मुक्त कराया जा सका. जानकारी के अनुसार, गांधी मैदान स्थित बीएसएनएल भवन की रंगाई-पुताई के दौरान मजदूर मनोज रविदास को बिजली का झटका लगा और वह काफी ऊंचाई से नीचे गिर गया. इसके बाद ठेकेदार के मुंशी व अन्य मजदूर इलाज के लिए मनोज को पास के किसी निजी क्लिनिक ले गये, जहां उसे भरती नहीं कर मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया. इस दौरान मनोज के साथ रहे एक अन्य मजदूर राजू रविदास ने बताया कि मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने जांच के बाद मनोज को मृत घोषित कर दिया.
इसके बाद ठेकेदार का मुंशी शव लेकर मनोज के गांव शादीपुर चला गया. मनोज की मौत की सूचना मिलने पर परिजनों व गांववालों ने शव के साथ गांव पहुंचे. इसके बाद मुंशी को बंधक बना लिया और मुआवजे की मांग करने लगे. आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम करने की भी तैयारी शुरू कर दी. इस बीच, सूचना पाकर खिजरसराय थानाध्यक्ष गौरव सिंधु शादीपुर गांव पहुंचे और लोगों को समझा कर मुंशी को मुक्त कराया.
ठेकेदार से होगी बात
इसके बाद मनोज का शव लेकर परिजन वापस गया शहर पहुंचे और सिविल लाइंस थाने में मामला दर्ज कराने को लेकर हंगामा करने लगे. सिविल लाइंस के इंस्पेक्टर मोहम्मद जमील असगर ने मनोज के पिता बिलास रविदास व अन्य परिजनों को समझाया व उनके आवेदन पर मामला दर्ज कर लिया. इंस्पेक्टर ने बताया कि आवेदन के आधार पर यूडी केस दर्ज किया गया है. मनोज के शव काे पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया जायेगा और ठेकेदार से भी बात की जायेगी. परिजनों ने बताया कि मनोज रविदास दैनिक मजदूर के रूप में रंगाई-पुताई का काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था. मनोज की तीन बेटियां व एक बेटा है. मनोज की मौत के बाद उसकी पत्नी रीता देवी का रो-रोकर बुरा हाल है. मनोज के पिता भी काफी बूढ़े हो चुके हैं.