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बेहतरी की कवायद: अब बेसहारों को घर जैसी सुविधा
गया: राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) के तहत नगर निगम द्वारा शहर में पांच हाइटेक रैनबसेरे बनाये जा रहे हैं. मार्च के अंत तक सभी रैनबसेरे बन कर तैयार हो जायेंगे. इन रैनबसेरों को देखरेख व संचालन के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों के अलग-अलग एरिया लेवल फेडरेशन को सौंप दिया जायेगा. इसके बाद रैनबसेराें […]
गया: राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) के तहत नगर निगम द्वारा शहर में पांच हाइटेक रैनबसेरे बनाये जा रहे हैं. मार्च के अंत तक सभी रैनबसेरे बन कर तैयार हो जायेंगे. इन रैनबसेरों को देखरेख व संचालन के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों के अलग-अलग एरिया लेवल फेडरेशन को सौंप दिया जायेगा. इसके बाद रैनबसेराें को गरीब व बेसहारा लोगों को रात गुजारने के लिए खोल दिया जायेगा.
पूर्व में भी निगम द्वारा गांधी मैदान के पास चार, आंबेडकर पार्क व पंचायती अखाड़ा के पास एक-एक रैनबसेरे बनाये गये थे. लेकिन, संचालन व देखरेख की जिम्मेवारी किसी को नहीं दिये जाने के कारण सभी रैनबसेरों की हालत बदतर हो गयी. इतना ही नहीं, इन पर फुटपाथी दुकानदारों ने कब्जा भी जमा लिया. अब निगम सभी छह रैनबसेरों को अतिक्रमणमुक्त करा कर राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत पांच का जीर्णोद्धार करा रहा है. गांधी मैदान के पास तीन (जिनमें दो तैयार कर लिये गये), पंचायती अखाड़ा व आंबेडकर पार्क के पास एक-एक रैनबसेरे की मरम्मत जारी है. नगर आयुक्त विजय कुमार की देखरेख में इन रैनबसेरों को जरूरी सुविधाओं से लैस किया जा रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य बेसहारा व गरीब लोगों को घर जैसा अहसास कराना है. यहां रात गुजारनेवाले लोगों को किसी तरह की कमी महसूस न हो, इसकी कोशिश हो रही है. इसके अलावा स्टेशन रोड डाकस्थान के पास लगभग 50 लाख रुपये की लागत से 50 बेडों का रैनबसेरा बनाने का प्रस्ताव नगर निगम के पास है.
केयर टेकर व मैनेजर करेंगे देखरेख
सभी पांच रैनबसेरों की देखरेख व संचालन के लिए प्रति रैनबसेरा एक मैनेजर, तीन केयर टेकर व रसोइये की बहाली की जायेगी. इनकी बहाली महिला स्वयं सहायता समूहों की एरिया लेवल फेडरेशन की देखरेख में की जायेगी. इसकी माॅनीटरिंग के लिए निगम द्वारा नोडल अफसर व सहायक नोडल अफसर के रूप में किसी अधिकारी को चार्ज देने की योजना बनायी जा रही है.
रैनबसेराें में होंगी जरूरी सुविधाएं
रैनबसेराें में होटल की तरह बिस्तर, पंखा, टीवी, शौचालय व प्राथमिक उपचार की व्यवस्था होगी. वहीं साधारण चार्ज (लगभग 30 रुपये) लेकर रात गुजारनेवालों को भोजन भी दिया जायेगा. बेड, बिछावन व पंखा के अलावा अन्य जरूरी सामान की खरीदारी के लिए चार लाख रुपये व व्यवस्था व वेतन आदि के लिए दो लाख रुपये दिये जायेंगे.
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