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बंद कराया विश्वविद्यालय

बोधगया: मगध विश्वविद्यालय के महिला छात्रावास, सुजाता हॉस्टल के एक कमरे में दो छात्राओं को शिफ्ट किये जाने के विरोध में मंगलवार को छात्र-छात्राओं ने हंगामा किया व प्रशासकीय भवन स्थित सभी शाखाओं को बंद करा दिया. विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के इस फरमान के खिलाफ डीएसडब्ल्यू डॉ सीताराम सिंह का पुतला भी फूंका. नारेबाजी […]

बोधगया: मगध विश्वविद्यालय के महिला छात्रावास, सुजाता हॉस्टल के एक कमरे में दो छात्राओं को शिफ्ट किये जाने के विरोध में मंगलवार को छात्र-छात्राओं ने हंगामा किया व प्रशासकीय भवन स्थित सभी शाखाओं को बंद करा दिया. विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के इस फरमान के खिलाफ डीएसडब्ल्यू डॉ सीताराम सिंह का पुतला भी फूंका.

नारेबाजी कर रहे विद्यार्थियों ने प्रशासकीय भवन के प्रवेश द्वार पर बैठ कर आवाजाही रोक दी व विभिन्न कार्यालयों के कर्मचारियों को बाहर निकाल कर कामकाज ठप करा दिया. छात्राओं का कहना है कि मगध विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू द्वारा सुजाता हॉस्टल में एक कमरे में दो छात्राओं को रहने को कहा जा रहा है. ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की धमकी दी जा रही है. छात्राओं ने हॉस्टल में मेस की समस्या, बिजली की समस्या, शौचालय व सफाई सहित पानी आदि की कई समस्याओं का हवाला देते हुए कहा कि एमयू प्रशासन द्वारा एक कमरे में दो छात्राओं को शिफ्ट करने से परेशानी बढ़ जायेगी. उन्होंने हॉस्टल के अधीक्षक पर भी प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.

उधर, डीएसडब्ल्यू डॉ सीताराम सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में महिला छात्रावास की संख्या कम है. इस साल ज्यादा संख्या में छात्राओं ने नामांकन कराया है. इनमें से ज्यादातर दूर-दराज के क्षेत्रों की हैं. उन्हें छात्रावास उपलब्ध कराने को लेकर सुजाता छात्रावास में पहले से रह रहे एक कमरे में एक छात्र की जगह दो को शिफ्ट किया जा रहा है, ताकि ज्यादा-से-ज्यादा छात्राएं यहां रह कर पढ़ाई कर सकें. उन्होंने बताया कि ज्यादातर छात्राएं इससे सहमत भी हैं. कई कमरों में दो-दो छात्राओं को शिफ्ट किया जा चुका है. पर, कुछ छात्राएं इसका विरोध कर रहीं हैं. गौरतलब है कि एमयू परिसर में छात्राओं के लिए दो हॉस्टल आवंटित हैं.

इसमें हॉस्टल संख्या एक में वोकेशनल कोर्स में पढ़ने वाली छात्राएं रहती हैं व हॉस्टल संख्या पांच, सुजाता छात्रावास में पीजी की छात्राएं रहती हैं. यह दोनों छात्रावास एमयू थाने के आसपास हैं. इस कारण सुरक्षा के लिहाज से भी माकूल है. हंगामे के बाद छात्र-छात्राओं का दल डीएसडब्ल्यू से बातचीत की. इसमें एक कमरे में दो छात्राओं को नहीं रखे जाने की बात कही गयी. पर, डीएसडब्ल्यू ने नये सत्र में नामांकित दूर-दराज की छात्राओं की जरूरत का हवाला देते हुए ऐसा करने से मना कर दिया. छात्राओं ने इसकी शिकायत कुलपति, कुलाधिपति, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष व यूजीसी के अध्यक्ष से भी की. छात्राओं के इस आंदोलन में यूआर विश्वनाथ कुमार सिंह सहित अन्य छात्रों ने भी सहयोग किया. छात्राओं के दल को श्वेता कुमारी, तबस्सुम परवीन, ममता कुमारी, अंजलि कुमारी, स्वीटी कुमारी, अलका प्रसाद, दीपा कुमारी, नीलम कुमारी, ज्योत्सना, सिंपी सहित अन्य शामिल थीं.

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