गया: जिले के नवप्रोन्नत स्नातक कला व विज्ञान शिक्षकों का नये सिरे से 21, 22 व 23 अक्तूबर को जिला स्कूल में कैंप आयोजित कर विभिन्न स्कूलों में पदस्थापित किया है. इससे पांच साल के लिए प्रखंड साधन सेवी (बीआरसीसी) व संकुल समन्वयकों (सीआरसीसी) के पूर्णकालिक पदों पर प्रतिनियुक्त शिक्षक पर प्रतिकूल असर पड़ा है. अब वे सब नवपदस्थापित विद्यालयों में योगदान कर चुके हैं. इस प्रकार अधिसंख्य प्रखंड संसाधन केंद्रों (बीआरसी) व संकुल संसाधन केंद्रों (सीआसी) में ‘मिशन गुणवत्ता’, ‘पढ़ो गया’ व अन्य शैक्षणिक गतिविधि ठप हो गये हैं.
हालांकि, विभिन्न प्रखंड के एक दर्जन से अधिक बीआरसीसी व सीआरसीसी ने 20 दिन पूर्व ही डीएम व डीइओ को लिखित व मौखिक रूप से पूर्व के बीआरसी व सीआरसी में प्रतिनियोजन करने का अनुरोध कर चुके हैं, लेकिन इस दिशा में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है. जबकि, औरंगाबाद समेत अन्य जिलों में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने स्पष्ट रूप से आदेश जारी कर दिया है कि नव पदस्थापित विद्यालयों में योगदान देने के बाद, वहां से विरमित होकर पूर्ववत बीआरसीसी व सीआरसीसी का कार्य करते रहेंगे. ताकि, ‘मिशन गुणवत्ता’, ‘पढ़ो गया’ व अन्य शैक्षणिक गतिविधियों पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़े.
ज्ञातव्य है कि जिला शिक्षा स्थापना समिति द्वारा गत वर्ष नवंबर माह में शिक्षकों को मैट्रिक प्रशिक्षित से स्नातक प्रशिक्षित वेतनमान में प्रोन्नति दी गयी थी. साथ ही प्रोन्नत शिक्षकों को विभिन्न स्कूलों में पोस्टिंग की गयी थी. बिहार अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश सचिव व अन्य कई पीड़ित शिक्षकों ने प्रोन्नति व पदस्थापना में अनियमितता बरते जाने की शिकायत विभाग के वरीय अधिकारियों से की थी. प्राथमिक शिक्षा निदेशक अजय चौधरी ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रारंभिक शिक्षक प्रोन्नति समिति की अविलंब बैठक बुला कर शिकायतों को दूर कर नये सिरे से पदस्थापन करने का निर्देश दिया था. इसी आलोक में नवप्रोन्नत स्नातक शिक्षकों की पोस्टिंग नये सिरे से की गयी है.