वारिसलीगंज का प्रकाश भी जेइ की चपेट मेंपरिजन बिना बताये मरीज को लेकर घर गये जेइ के मरीजों की संख्या हुई 35संवाददाता, गयानवादा जिले के वारसलीगंज निवासी रामकिशुन मांझी के पांच वर्षीय बेटे प्रकाश कुमार के जेइ (जापानी इनसेफ्लाइटिस) से पीड़ित होने की पुष्टि हुई है. उसे सात नवंबर को मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इनसेफ्लाइटिस वार्ड में भरती कराया गया था. लेकिन, सात नवंबर को बिना किसी को बताये उसके परिजन अस्पताल से उसे लेकर फरार हो गये. अस्पताल अधीक्षक डॉ सुधीर कुमार सिन्हा ने प्रकाश के जेइ से पीड़ित होने की पुष्टि की है. अब जेइ मरीजों की संख्या बढ़ कर 35 हो गयी है. उन्होंने बताया कि शनिवार को जांच रिपोर्ट आने के बाद पता चला कि वह जेई से पीड़ित था. इसे गंभीरता से लेते हुए नवादा के सिविल सर्जन को सूचना दी गयी. इसके बाद नवादा से एक टीम वारसलीगंज भेजा गया. पाया गया कि बच्चा जीवित है. बुखार भी ठीक हो चुका है. यह भी जानकारी मिली है कि गरीबी के कारण बच्चे को लेकर अस्पताल में ज्यादा दिनों तक रहना संभव नहीं हो पाने के कारण तबीयत में सुधार होते ही परिजन बिना बताये फरार हो गये थे.12 अगस्त से अब तक 123 बच्चे इनसेफ्लाइटिस की चपेट में आ चुके हैं. इनमें 74 बच्चों की अस्पताल से छुट्टी की जा चुकी है. 35 बच्चों में जेइ व 59 बच्चों में एइएस की पुष्टि की जा चुकी है. आठ जेइ पीड़ित समेत अब तक 21 बच्चों की मौत हो चुकी है. चार जेइ पीड़ित बच्चे अब भी अस्पताल में भरती हैं.
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वारिसलीगंज का प्रकाश भी जेइ की चपेट में
वारिसलीगंज का प्रकाश भी जेइ की चपेट मेंपरिजन बिना बताये मरीज को लेकर घर गये जेइ के मरीजों की संख्या हुई 35संवाददाता, गयानवादा जिले के वारसलीगंज निवासी रामकिशुन मांझी के पांच वर्षीय बेटे प्रकाश कुमार के जेइ (जापानी इनसेफ्लाइटिस) से पीड़ित होने की पुष्टि हुई है. उसे सात नवंबर को मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के […]
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