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इनसेफ्लाइटिस : सैकड़े से छह कम
गया : अंकुश लगाने की नाकाम कोशिशों के बीच इनसेफ्लाइटिस जिले में और भी गति पकड़ता जा रहा है. अब तो यह शतक से मात्र छह कदम दूर रह गया है. 94 बच्चों को चपेट में ले चुका है. इनमें से 14 बच्चों की मौत हो चुकी है. अब तक 21 बच्चों में जेइ की […]
गया : अंकुश लगाने की नाकाम कोशिशों के बीच इनसेफ्लाइटिस जिले में और भी गति पकड़ता जा रहा है. अब तो यह शतक से मात्र छह कदम दूर रह गया है. 94 बच्चों को चपेट में ले चुका है.
इनमें से 14 बच्चों की मौत हो चुकी है. अब तक 21 बच्चों में जेइ की पुष्टि हो चुकी है. मगध मेडिकल अस्पताल के इनसेफ्लाइटिस वार्ड में अब भी 20 बच्चे जीवन-मौत के बीच झूल रहे हैं. इनमें पांच नये संदिग्ध मरीज शामिल हैं. ये संदिग्ध मरीज पिछले मात्र दो दिनों में भरती हुए हैं. यानी हर रोज इनसेफ्लाइटिस पीड़ित औसतन ढाई बच्चे अस्पताल में भरती हो रहे हैं.
अस्पताल अधीक्षक डॉ सुधीर कुमार सिन्हा ने बताया कि अस्पताल के इनसेफ्लाइटिस वार्ड में पांच नये संदिग्ध मरीज भरती हुए हैं. इनमें चार गया व एक मरीज औरंगाबाद जिले का है. दो मरीज 15 अक्तूबर को व तीन 16 मरीज अक्तूबर को भरती हुए हैं. इसी के साथ वार्ड में भरती इनसेफ्लाइटिस पीड़ित बच्चों की संख्या 20 से अधिक हो गयी है. जांच रिपोर्ट आने के बाद पता चल सकेगा कि इनमें और कितने बच्चे जेइ से पीड़ित हैं. अब तक 21 बच्चों में जेइ का वायरस पाया गया है.
इनमें से चार की मौत हो चुकी है. नौ बच्चों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी की जा चुकी है. अन्य का इलाज चल रहा है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में अब तक इनसेफ्लाइटिस पीड़ित 94 बच्चों का पंजीकरण हो चुका है. इनमें से 14 की मौत हो चुकी है. चार की जेइ से, सात की एइएस से, एक की टायफाइड से व दो की सेरिब्रल मलेरिया से मौत हुई है.
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