उन्होंने बताया कि पक्का मकान का 15 प्रतिशत से अधिक हिस्सा क्षतिग्रस्त होने पर 5,200 रुपये. कच्चे मकान के क्षतिग्रस्त होने पर 3,200 रुपये व पशु शेड 15 प्रतिशत क्षतिग्रस्त होने पर 2,100 रुपये दिये जाते हैं. मैदानी इलाके में कच्च या पक्का कोई भी मकान के पूरी तरह ध्वस्त होने पर 95,100 रुपये पीड़ित व्यक्ति को आपदा प्रबंधन विभाग से दिये जायेंगे.
श्री कुमार ने बताया कि केवल दरार पड़ने पर कोई सहायता नहीं मिलेगी. जान-माल का नुकसान हुए व्यक्ति अंचलाधिकारी को आवेदन देंगे. अंचलाधिकारी आवेदन प्राप्त होने के बाद एक टीम गठित कराकर या स्वयं जाकर क्षति का जायजा लेंगे. इसमें एक इंजीनियर स्तर के टेक्निकल जानकार भी होंगे. वह क्षति का मुआयना कर रिपोर्ट देंगे. उसके बाद प्रावधान के हिसाब से क्षतिपूर्ति का मुआवजा दिया जायेगा.