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केंद्र का बिहार के विकास पर विशेष ध्यान : मंगल

गया: केंद्र सरकार ने बजट में बिहार के लिए कई योजनाओं की घोषणाएं की है. केंद्र सरकार बिहार के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है. लेकिन, राज्य सरकार इन बातों को यहां के लोगों से छिपा कर सभी को भ्रम में रखना चाहती है. ऐसे में अब यह बेहद जरूरी हो गया है कि […]

गया: केंद्र सरकार ने बजट में बिहार के लिए कई योजनाओं की घोषणाएं की है. केंद्र सरकार बिहार के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है. लेकिन, राज्य सरकार इन बातों को यहां के लोगों से छिपा कर सभी को भ्रम में रखना चाहती है. ऐसे में अब यह बेहद जरूरी हो गया है कि लोगों को इन सबकी जानकारी दी जाये. ये बातें बुधवार को सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहीं.

उन्होंने केंद्रीय बजट में बिहार के लिए तय की गयी योजनाओं की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बिहार में एम्स जैसा एक संस्थान, एक लाख करोड़ की लागत से चार हजार मेगावाट का अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट, भागलपुर में टेक्सटाइल मिल क्लस्टर की स्थापना, बिहार में आइआइएम की स्थापना, सारनाथ -बोधगया-वाराणसी बौद्ध सर्किट में विश्व स्तरीय सुविधाएं, राष्ट्रीय विरासत शहर विकास के तहत गया को शामिल किया जाना, बंद पड़े बरौनी खाद कारखानों को चालू करने का निर्णय, बरौनी रिफाइनरी की तेल शोधक क्षमता का विस्तार व पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स की स्थापना होगी.

बिहार को पाइपलाइन से गैस : श्री पांडेय ने बताया कि केंद्र सरकार ने बिहार में गैस पाइप लाइन बिछाये जाने की प्लानिंग है, ताकि उद्योगों को सस्ता ईंधन मिल सके. 25 हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट की भी घोषणा हो चुकी है. इस प्रोजेक्ट के बाद बिहार के लोगों को पानी की तरह पाइपलाइन से गैस दिया जा सकेगा. इसके अलावा बाढ़ में 660 मेगावाट का बिजली उत्पादन केंद्र शुरू करने की भी योजना है. इन सबके अलावा रेल बजट में भी बिहार के लिए कई योजनाएं शामिल की गयीं.
केंद्रीय कर में हिस्सेदारी अब 42 प्रतिशत : प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि बिहार के पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों को पहले की तुलना में चार गुणा से ज्यादा पैसा मिलेगा. केंद्रीय करों में भी बिहार की हिस्सेदारी को 32 से बढ़ा कर 42 फीसदी कर दिया गया है. पिछले पांच वर्षो में बिहार को केंद्रीय करों में हिस्से के रूप में एक लाख 65 हजार करोड़ मिला था. अब बिहार को अगले पांच वर्षो में तीन लाख 65 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे.
श्री पांडेय ने बताया कि यूपी के बाद बिहार को सबसे अधिक पैसे मिलेंगे, जो कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु से दो गुना, गुजरात से तीन गुण व बंगाल और महाराष्ट्र से एक लाख करोड़ रुपये ज्यादा हैं.

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