गया: युवा अगर बेहतर प्रयास करें, तो राष्ट्र और आगे बढ़ेगा. हर क्षेत्र में युवाओं को आगे आने की जरूरत है. समाज जिस तरह से संक्रमित होता जा रहा, उससे मुक्ति के दो ही रास्ते हैं. एक तो भक्ति का मार्ग और दूसरा देश के युवा वर्ग.
धर्म सभा में विवेकानंद केंद्र की गया इकाई द्वारा आयोजित ‘सफल युवा, युवा भारत’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ नीलिमा सिन्हा ने उक्त बातें कहीं.
उन्होंने कहा कि युवाओं के मन-मंदिर में भी भक्ति की रसधार घोलनी होगी. इससे वह भटकने से बचेंगे. वह भटकेंगे नहीं, तो समाज व देश के विकास के प्रति सोचेंगे. इस मौके पर वीणा भदानी ने ú के उच्चरण की व्याख्या के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की. चंद्रमोहिनी शर्मा ने गीत की प्रस्तुति की. दयाशंकर पांडेय ने विषय प्रवेश कराया. वक्ताओं में अरविंद कुमार ने एकनाथ रानाडे के व्यक्तित्व व कृतित्व की चर्चा की. अभिषेक ने मंच का संचालन किया. अरुण कुमार प्रसाद ने मुख्य अतिथि को उपहार भेंट किया. मुकेश वीर ने युवक व युवतियों को खेल के माध्यम से मनोरंजन किया. इस मौके पर विवेकानंद केंद्र के सदस्य गणोश प्रसाद सेठ, अजीत कुमार, रवि, मनीष, राजेश, रीता कन्धवे, संगीता दीदी, रीचा अग्रवाल व सविता अग्रवाल आदि मौजूद थे.