गया: औरंगाबाद पुलिस के हत्थे चढ़े आमस के नवगढ़ स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा लूटकांड के आरोपित राकेश गुप्ता, शंभु महतो व अजय कुमार को गया पुलिस रिमांड पर लेगी. औरंगाबाद की पुलिस ने तीनों शातिर लुटेरों को शनिवार को पकड़ा था.
सिटी एसपी राकेश कुमार ने बताया कि औरंगाबाद के शाहपुर के रहनेवाले राकेश गुप्ता, ओबरा के रहनेवाले शंभु महतो व ओबरा थाने के देवकली के रहनेवाले अजय कुमार को गया जिले की पुलिस रिमांड पर लेगी. इन तीनों से बैंक लूटकांड के बारे में पूछताछ करेगी. लूटपाट के दौरान बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरे में राकेश गुप्ता सहित अन्य तीन लुटेरों का चेहरा बिल्कुल स्पष्ट नजर आ रहा है. रिमांड पर लेकर पूछताछ के बाद सारी बातें स्पष्ट हो जायेगी. शनिवार को औरंगाबाद पुलिस ने पंचानपुर पुलिस के सहयोग से राकेश गुप्ता को पकड़ा था. राकेश पंचानपुर या टिकारी स्थित किसी बैंक को लूटने की मकसद से आया था. लेकिन, पंचानपुर ओपी प्रभारी अरुण कुमार की तत्परता से राकेश गुप्ता को पंचानपुर बाजार से पकड़ा गया.
कई लूटकांड का मास्टरमाइंड है राकेश
कुछ माह पहले मदनपुर थाना क्षेत्र के देव जाने वाली सड़क में खेसर गांव के समीप मध्य बिहार ग्रामीण बैंक के कैश वैन से 43 लाख रुपये की लूट हुई थी. इसमें राकेश गुप्ता को पुलिस को गिरफ्तार जेल भेजा था. जेल जाने के बाद 15 मार्च को कोर्ट हाजत से राकेश गुप्ता अपने अन्य सहयोगियों के साथ खिड़की तोड़ कर भाग गया था. कोर्ट हाजत से फरार होने के बाद राकेश गुप्ता अपने गिरोह के साथ औरंगाबाद जिले के साथ-साथ गया जिले में कई लूट की घटनाओं को अंजाम दिया. 15 दिनों पहले जीटी रोड स्थित रतनुआ गांव स्थित सीमेंट दुकान के व्यवसायी से 60 हजार रुपये लूट लिये. दो दिनों बाद ही शहर के ब्लॉक मोड़ स्थित रामनंदी ऑटोमोबाइल्स से दिनदहाड़े सात लाख रुपये लूट लिये गये तो पुलिस सकते में आ गयी. लेकिन, शातिर राकेश गुप्ता पुलिस की गिरफ्त नहीं आ रहा था. यही कारण कि राकेश गुप्ता अपने गिरोह के साथ 30 जुलाई को गया जिले के आमस थाना क्षेत्र के नवगढ़ स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में धावा बोल कर हथियार के बल पर डेढ़ लाख रुपये लूट लिये और दो बाइक पर सवार होकर हथियार लहराते हुए औरंगाबाद की ओर भाग निकले. यही नहीं इसी दिन दाउदनगर के तरारी मोड़ के समीप बिजलीकर्मी से पांच लाख रुपये लूट लिये. तब जाकर पुलिस फिल्मी स्टाइल में इसे गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया. परिणाम रहा कि पुलिस द्वारा बिछाये गये जाल में राकेश गुप्ता अपने दो सहयोगियों के साथ फंस गया.