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अंतिम सांस तक लड़ेंगे समान वेतन की लड़ाई : शिक्षक संघ
गया : गया. सुप्रीम कोर्ट में समान काम समान वेतन के मुद्दे पर चल रहे केस को लेकर मंगलवार को गांधी मैदान में टीइटी शिक्षक संघर्ष मोर्चा (टीएसएसएम) की महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस बैठक में समान काम समान वेतन को लेकर विगत 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई को लेकर चर्चा की गयी. […]
गया : गया. सुप्रीम कोर्ट में समान काम समान वेतन के मुद्दे पर चल रहे केस को लेकर मंगलवार को गांधी मैदान में टीइटी शिक्षक संघर्ष मोर्चा (टीएसएसएम) की महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस बैठक में समान काम समान वेतन को लेकर विगत 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई को लेकर चर्चा की गयी. इसके अलावा आगामी 31 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई को लेकर रणनीति बनायी गयी.
बैठक में शामिल शिक्षकों ने कहा कि बिहार सरकार केंद्र सरकार के साथ मिल कर उनका हक देने में कई दांव पेंच अपनाते हुए आनाकानी कर रही है और आर्थिक बदहाली का हवाला देते हुए कोर्ट को गुमराह कर रही है. अब 31 जुलाई को आरपार की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में लड़ी जायेगी. प्रदेश में जितने भी संघ हैं, जो टीइटी शिक्षकों की लड़ाई लड़ रहे हैं, को तन-मन-धन से सहयोग करेें ताकि प्रदेश के लाखों शिक्षकों को उनका वाजिब हक दिलाया जा सके.
वक्ताओं ने कहा कि टीइटी शिक्षकों के हक की लड़ाई लड़ने वाले सभी संघों के केवीएटरों व इंप्लांडरों के हलफनामों का अध्ययन करने के बाद उस संघ का समर्थन करेगी जो आरटीइ 2009 और एनसीटीई के नियमानुकूल सुप्रीम कोर्ट में टीइटी शिक्षकों का पक्ष रखेगी. बैठक की अध्यक्षता टीएसएसम के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने की. बैठक में जिला उपाध्यक्ष संटू गोप, शंकर त्रिपुरारि, संतोष सुमन, नितेश कुमार, नागेंद्र चौधरी, संतोष कुमार, एम. हसन, गजनफर इमाम, विजय कुमार, सुमित कुमार, प्रशांत,पंकज पांडेय समेत जिले के विभिन्न प्रखंडों के दर्जनों शिक्षक उपस्थित थे.
सरकार के सुप्रीम कोर्ट जाने की आलोचना
गया. समान काम के बदले समान वेतन की मांग को लेकर बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ की जिला इकाई की बैठक मंगलवार को गांधी मंडप में प्रमंडल के अध्यक्ष डॉ मधु कुमार की अध्यक्षता में की गयी. वहां मौजूद शिक्षकों को संबोधित करते हुए संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने कहा कि राज्य सरकार की शिक्षा व शिक्षक विरोधी नीति के कारण सूबे के लाखों नियोजित शिक्षक आर्थिक, मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना झेल रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नियोजित शिक्षकों के समान काम के बदले समान वेतन के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बलि चढ़ा दी है. सुप्रीम कोर्ट में संघ से जुड़े लोग नियोजित प्रारंभिक, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक शिक्षक व पुस्तकालय अध्यक्ष की न्यायिक लड़ाई को मजबूती से लड़ रही है.
विगत 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में संघ की ओर से देश के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्वल के माध्यम से शिक्षकों का पक्ष रखा गया. इस कारण केंद्र सरकार व राज्य सरकार की झूठी दलील कोर्ट में नहीं चल सकी. साथ ही सरकार की याचिका को स्वीकृत करने व शिक्षकों को नोटिस करने की मांग को खारिज करवाया. उन्होंने कहा कि 31 जुलाई के सुनवाई में संघ के वरीय अधिवक्ता अपना पक्ष रखेंगे, ताकि समान काम के बदले समान वेतन की न्यायिक लड़ाई जीती जा सके. इस मौके पर शिक्षक मुखदेव कुमार, मीरा कुमारी, कुमारी विजिया लक्ष्मी शरण, मोहम्मद निजामुद्दीन, प्रियंका कुमारी सहित सहित काफी संख्या में शिक्षक उपस्थित थे.
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