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कातिबों के लिखे दस्तावेजों के निबंधन पर रोक

कातिबों के लिखे दस्तावेजों के निबंधन पर रोक निबंधन विभाग के प्रधान सचिव ने डीएम को भेजा पत्र फोटो संख्या- 10 परिचय- जिला निबंधन कार्यालय में पसरा सन्नाटा इंट्रो : राज्य सरकार ने कातिबों के द्वारा लिखित दस्तावेजों के निबंधन पर पूरी तरह रोक लगाकर इसे ऑनलाइन निबंधन शुरू कर दिया है. निबंधन विभाग के […]

कातिबों के लिखे दस्तावेजों के निबंधन पर रोक निबंधन विभाग के प्रधान सचिव ने डीएम को भेजा पत्र फोटो संख्या- 10 परिचय- जिला निबंधन कार्यालय में पसरा सन्नाटा इंट्रो : राज्य सरकार ने कातिबों के द्वारा लिखित दस्तावेजों के निबंधन पर पूरी तरह रोक लगाकर इसे ऑनलाइन निबंधन शुरू कर दिया है. निबंधन विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक ने इस संंबंध में जिला निबंधक सह डीएम को पत्र भेजकर सभी कातिबों को निलंबित करने तथा ऑनलाइन निबंधन शुरू करने का निर्देश दिया है. इसके लिए उन्होंने मॉडेल डीडी बेवसाइट पर डाल दिया है. उसीके आधार पर उसे भरकर लोग निबंधन करा रहे हैं. दरभंगा : दस्तावेज नवीसों (कातिबों) द्वारा लिखे दस्तावेजों के निबंधन पर विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक ने रोक लगाकर ऑनलाइन रजिस्ट्री करने का आदेश जारी कर दिया है. प्रधान सचिव के आदेश के बाद वर्तमान में दस्तावेजों के निबंधन पर पूरी तरह रोक लगा दी गयी है. ऑनलाइन सिस्टम चालू नहीं होने की स्थिति में विगत तीन दिनों से ऑफलाइन निबंधन ही चल रहा है. विभागीय सूत्रों के अनुसार निबंधन विभाग के प्रधान सचिव श्री पाठक ने पत्रांक 1699 दिनांक 1 अप्रैल को जिला निबंधक सह डीएम को भेजे पत्र में बताया है कि 30 एवं 31 मार्च को कातिबों की राज्यव्यापी हड़ताल से जनता को काफी परेशानी हुई. निबंधन कार्य पूरी तरह बंद रहने से सरकारी राजस्व की भी क्षति हुई. उन्होंने सरकारी कार्य में व्यवधान के कारण सभी कातिबों के लाइसेंस रद्द करने का निर्देश दिया है. पत्र में प्रधान सचिव ने बेवसाइट पर अपलोडेड मॉडेल डीड को मानक मानकर इसी आधार पर रजिस्ट्री करने को कहा है. प्रधान सचिव के पत्र के आलोक में जिला निबंधक सह डीएम ने पत्रांक 3105 दिनांक 4 अप्रैल को जिला अवर निबंधक सहित बहेड़ा एवं कमतौल के अवर निबंधकों को भी मॉडेल डीड के आलोक में ही निबंधन करने का निर्देश दिया है. /इइस प्रकार होगा ऑनलाइन रजिस्ट्री /इनिबंधन विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश पर अब ऑनलाइन निबंधन के लिए जो प्रारूप जारी किये गये हैं वह इस प्रकार है. विक्रेता की विवरणी, क्रेता की विवरणी, लेख्य के प्रकार, विक्रय मूल्य, संपत्ति का विवरण, जमीन/संपत्ति का किस्म, संपत्ति का स्वामित्व, अगर पूर्व में उपरोक्त भूमि के संबंध में कोई एग्रीमेंट या विक्रय एकरारनामा निबंधित हो तो दस्तावेज संख्या एवं वर्ष, विक्रय पत्र की विषय-वस्तु तथा नीचे दो गवाहों के हस्ताक्षर एवं क्रेता-विक्रेताओं का हस्ताक्षर कराना है. इस संबंध में दस्तावेज तैयार करने के लिए विभाग ने 13 निर्देशिका जारी किया है. इस प्रपत्र को भरकर क्रेता निबंधन कार्यालय में स्वत: इसे जमा कर उसे निबंधित करा सकता है. निबंधन संबंधी सभी शुल्क क्रेता को चालान के माध्यम से भारतीय स्टेट बैंक दरभंगा शाखा (ट्रेजरी शाखा) में जमा करना होगा. वहां से भेजे गये एक्सक्रॉल के आधार पर ही निबंधन होगा. /इऑनलाइन के सभी सामग्री की हुई आपूर्ति /इऑनलाइन निबंधन के लिए जिला निबंधन कार्यालय में एक यूपीएस, एयरटेल का टावर मुहैया करा दिया गया है. सरकारी निर्देश के आलोक में इसे चालू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. एक-दो दिनों में ऑनलाइन सिस्टम शुरू कर दिया जायेगा. तत्काल ऑफलाइन के माध्यम से ही निबंधन कार्य चल रहा है. जानकारी के अनुसार गत 4 अप्रैल को 10 तथा 5 अप्रैल को 8 निबंधन किये गये, जिनमें एक दस्तावेज का निबंधन मॉड्यूल प्रपत्र के माध्यम से किया गया. बुधवार को भी 10 दस्तावेजों का निबंधन हुआ. /इकातिबों में मायूसी/इसप्ताह भर पूर्व कातिबों की चहलकदमी सुबह 9 बजे से शाम सात बजे तक निबंधन कार्यालय में रहता था. गत 1 अप्रैल से कातिब निबंधन कार्यालय आते तो हैं, लेकिन कामविहीन सभी कातिब दिनभर परिसर में बैठकर एक-दूसरे से बातचीत कर ही समय जाया करते हैं. बुधवार सुबह जब उन्हें कार्यालय सूत्रों से जानकारी मिली कि विभागीय प्रधान सचिव ने उनलोगों के द्वारा लिखे गये दस्तावेजों के निबंधन पर पूरी तरह रोक लगा दी है तो कातिबों में और मायूसी बढ़ गयी. लोग राज्य सरकार की ओर हसरत भरी निगाहों से आस लगाये हुए हैं कि सरकार ने यदि पहल की तो उन्हें पुन: अपने कार्य की जिम्मेवारी वापस लौट सकती है. वैसे कातिब संघ की मानें तो राज्य स्तर पर इसके खिलाफ पटना उच्च न्यायालय में भी जाने की तैयारी चल रही है.

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