दरभंगा : लहेरियासराय थाना क्षेत्र में रविवार की सुबह पुलिस ने तांडव मचाया. उनकी नजर जिधर पड़ रही थी, उधर ही तोड़फोड़ शुरू कर देते थे. दो घंटे तक यह सिलसिला चलता रहा. इन्हें कोई रोकने वाला नजर नहीं आ रहा था.
जब घटना के करीब दो घंटे बाद एसएसपी एके सत्यार्थी व सिटी एसपी हर किशोर राय वहां पहुंचे तब जाकर पुलिस शांत हुई. पुलिस बल की बर्बरता का आलम यह था कि उसने कई दुकानों को आग के हवाले भी कर दिया. उल्लेखनीय है कि रविवार की सुबह लहेरियासराय थाना से सटे दक्षिण स्थित बस स्टैंड में शौचालय जाने के मामूली विवाद में पुजारी विपिन कुमार सिंह ने ट्रैफिक जमादार विजय कुमार की टायर काटने वाले चाकू गोद कर हत्या कर दी.
इस सूचना के बाद वहां स्थानीय थाने की पुलिस के साथ ही पुलिस लाइन के दर्जनों जवान पहुंच गये. सभी हत्यारे की तलाश करने लगे. वह नहीं मिला तो अपना गुस्सा बेकसूर लोगों पर उतारना शुरू कर दिया. आसपास की दुकानें फूंक दी. इससे भी जब जी नहीं भरा तो तोड़फोड़ पर उतारू हो गये. दो दर्जन से अधिक दुकानों को पूरी तरह बरबाद कर दिया.
यह पुलिसिया तांडव दो घंटे तक चलता रहा. भयाक्रांत लोग तमाशबीन बनी रहे. पुलिस के इस रौद्र रूप को देख सभी सहमे हुए थे. हालांकि सुबह का समय होने तथा रविवार का दिन होने के कारण सड़क पर ट्रैफिक का दबाव काफी कम था, बावजूद जो इस इधर से गुजरने के लिए आये पुलिसिया हरकत देख उल्टे पांव लौट गये.हत्या का कारण मामूली विवाद?
घटना स्थल पर जमा खून का धब्बा.दरभंगा. ट्रैफिक जमादार की हत्या शौचालय जाने के मामूली विवाद में कर दिये जाने की बात कही जा रही है. जानकारी के अनुसार स्टैंड के समीप एक सरकारी भवन में जमादार अपने परिजनों के साथ रहता था.
कुछ दिन पूर्व ही त्योहार को लेकर उसके परिवार के सदस्य पटना के नौबतपुर स्थित अपने पैतृक गांव चले गये थे. दूसरी ओर, इसी स्टैंड परिसर में महावीर मंदिर पर आरोपित मुजफ्फरपुर के गायघाट थाना क्षेत्र के जारंग निवासी विपिन कुमार सिंह रहता था. वह मंदिर में पुजारी का काम भी करता था. वहीं एक परित्यक्त भवन में शौचालय है.
इसके उपयोग को लेकर पहले भी दोनों के बीच विवाद होता रहा था. रविवार की सुबह करीब छह बजे जब विपिन इस शौचालय में जाने लगा तो जमादार ने उसे फिर रोका. तत्काल इसी बात को लेकर दोनों के बीच झंझट होने लगा. मारपीट शुरू हो गयी. अंतत: विपिन ने वहीं की एक दुकान से टायर काटने वाला चाकू निकाल जमादार पर हमला कर दिया.
उसने जमादार के पेट में चाकू घुसेड़ दिया, जिससे उसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गयी. चाकूबाजी के बाद खिसके अन्य जवानप्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जिस समय दोनों के बीच विवाद हो रहा था, वहां पुलिस के दो और जवान मौजूद थे. दोनों तमाशबीन बने देखते रहे. बीच-बचाव तक करने नहीं गये. इसी बीच जब चाकूबाजी की घटना हो गयी तो दोनों वहां से खिसक गये. न तो घायल जमादार को बचाने की कोशिश की और न ही हत्यारे को पकड़ने का ही प्रयास किया.
सूत्रों के अनुसार एसएसपी ने दोनों को बुलाकर पूछताछ करने के साथ ही इसको लेकर कड़ी फटकार लगायी.पूर्व में स्टैंड में वसूली करता था आरोपितइसी विवाद में हत्या की आशंकादरभंगा. जमादार के हत्यारे विपिन सिंह के बारे में कहा जाता है कि वह पूर्व में इस स्टैंड में वाहन चालकों से वसूली किया करता था. लोगों का कहना है कि वह अभी भी इस काम में लगा रहता था.
साथ ही स्टैंड परिसर में अवैध रूप से बनी दुकानों के संचालकों से भी मोटी रकम की आय होती है. लोगों की मानें तो दोनाें के बीच इस मुद्दे पर वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी. रविवार सुबह की घटना इसी का प्रतिफल था. हालांकि हकीकत तो पुलिसिया जांच के बाद ही सामने आ सकेगी. फिलहाल लोगों के बीच इसको लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है. इधर लोगों का कहना है कि आरोपित करीब ढाई दशक से इसी मंदिर पर रहता आ रहा था. वह अकेले ही रहता था.
स्टैंड परिसर ही उसका घर-आंगन था और वाहन चालक उसके इष्ट-मित्र. बताया जाता है कि पहले विपिन की एक जीप भी चलती थी.रखवाले ही उड़ा रहे थे कानून की धज्जीदूसरों को रोकनेवालों ने ही हाथों में ले रखा था कानूनदरभंगा. जब खुदको चोट लगती है तो तिलमिलाहट ज्यादा होती है, इसका नजारा रविवार को उस समय देखने को मिला जब अपने विभाग के एक जमादार की हत्या से पुलिस ने पूरी तरह आपा खो दिया.
कानून को हाथों में नहीं लेने के लिए हमेशा मुस्तैद दिखने वाली व ऐसा करनेवालों पर कार्रवाई करनेवाली पुलिस के जवानों ने खुद कानून को हाथों में ले लिया था. मानों कानून उनके हाथों की कठपुतली हो, जब-जैसे जी चाहे उपयोग कर लें. जमादार की हत्या के बाद पद की गरिमा को भुलाते हुए सड़क पर उतर आये और उत्पात मचाना शुरू कर दिया. कानून के रखवालों को कानून तोड़ते देख आमजन सकते में थे. लोगों का कहना था कि इस हत्याकांड की जितनी भी भर्त्सना की जाये वह कम है.
निश्चिततौर पर दोषी को कानूनी दंड दिया जाना चाहिए. इस पर पुलिस का गुस्सा भी एक हद तक समझा जा सकता है, लेकिन जिस तरह पुलिस ने तांडव मचाया वह किसी सूरत में सही नहीं कहा जा सकता. 25 गरीब परिवार के पेट पर पुलिस ने मारी लातउजाड़ दिया जमा-जमाया कारोबारफोटो. परिचय.
दरभंगा: जमादार की हत्या से भड़के पुलिस के जवानों ने गरीबों के जमे-जमाये कारोबार को मिनटों में ही तबाह कर दिया. दुकानों में आग लगा दी. कई दुकानों को तोड़फोड़ कर नष्ट कर दिया. सैलून, फल आदि की दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करनेवालों के पेट पर लात मार दी.
छठ पर्व मनाना तो दूर अब इन परिवारों के सामने दो जून की रोटी का जुगाड़ करना मुश्किल हो गया है. पुलिस के खौफ से कोई मुंह खोलने तक के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं. हालांकि कइयों ने कहा कि सालों से इस जगह अपनी दुकान चला रहे थे. इसी से अपने परिवार का पालन-पोषण किया करते थे. पुलिस ने एक झटके में सपने को चूर-चूर कर दिया.
अब कैसे घर का खर्चा चलेगा पता नहीं. उनलोगों का कहना था कि भइया पानी में रहकर मगर से हम सभी बैर नहीं कर सकते. उल्लेखनीय है, पुलिस ने जिन दुकानों को क्षतिग्रस्त किया, उसमें अधिकांश छोटे दुकान थे. कहीं सैलून को जलाया तो कहीं फल की दुकान तबाह कर दी.इनकी ये दुकान हुई बरबादप्रमीला देवी- फलमंटू ठाकुर- सैलूनप्रद्युम्न ठाकुर- सैलूननवीन सिंह- चायउस्मा देवी- फलराम कुमार पंडित- होटलमनोज कुमार साह- होटलनहीं भरा जी तो अतिक्रमण के नाम पर चलाया डंडादरभंगा: दो घंटे तक उत्पात मचाने के बाद अचानक पुलिस को अतिक्रमण की याद आ गयी.
आनन-फानन में अतिक्रमण मुक्ति अभियान चलाना शुरू कर दिया. दुकान हटाने का समय दिये बिना ही दुकानों को उजाड़ना शुरू कर दिया. स्टैंड परिसर में अवैध तरीके से सालों से चल रही दुकानों व होटलों को हटा दिया. पूर्व सूचना नहीं रहने की वजह से दुकानदारों को काफी नुकसान झेलना पड़ा. इसी क्रम में पुलिस ने लहेरियासराय थाना परिसर में होटल चला रहे मनोज साह की दुकान को भी उजाड़ दिया.
उसकी दुकान में लगे टीवी को भी तोड़ दिया गया.जमादार को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनरफोटो. 5 व 6परिचय. सलामी देते पुलिस के जवान व पार्थिव शरीर पर पुष्प चढ़ाते एसएसपी एके सत्यार्थी.दरभंगा.
दिवंगत जमादार को विधिवत गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. पुलिस लाइन में उनके पार्थिव शरीर को रखकर सलामी दी गयी. एसएसपी एके सत्यार्थी, सिटी एसपी हर किशोर राय सहित अन्य पुलिस अधिकारियों ने पुष्पांजलि अर्पित की. नगर विधायक संजय सरावगी भी वहां पहुंचे और पुष्प अर्पित कर अंतिम विदाई दी.