दरभंगाः सांसद कीर्ति आजाद ने कहा कि पृथक मिथिला राज्य के गठन के लिये वे संसद में आवाज उठायेंगे. उन्होंने कहा कि आने वाले सत्र में वे पर्सनल बिल इस पर पेश करेंगे. इसके लिए 110 पेज का बिल तैयार कर लिया है. मंगलवार को वे एमएमटीएम कॉलेज में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. श्री आजाद ने कहा कि आगामी 5 अगस्त से अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति धरना के माध्यम से संसद के बाहर मिथिला राज्य के लिये आवाज उठायेगी.
वे खुद संसद के भीतर इसके लिए आवाज बुलंद करेंगे. पृथक तेलांगाना राज्य के गठन का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि इसके साथ मिथिला राज्य की घोषणा भी होनी चाहिए. जिस क्षेत्र की अपनी भाषा, संस्कृति, लिपि तथा धार्मिक पहचान है उसे अलग राज्य का दर्जा मिलना ही चाहिए. इस कसौटी पर मिथिला क्षेत्र किसी से भी कहीं आगे है.
अलग राज्य बनने से विकास की गति तेज होती है. यह इलाका बाढ़-सुखाड़ से त्रस्त है. कल-कारखाने, उद्योग कुछ भी नहीं है. इसलिए तेलांगाना के साथ पृथक मिथिला राज्य की भी घोषणा होनी चाहिये. मौके पर समिति के अध्यक्ष डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि जिस समय झारखंड, छत्तीसगढ़ व उत्तराखंड राज्य बने मिथिला उसके साथ था. अब तेलांगाना, विदर्भ आदि के संग भी मिथिला है, पर यूपीए सरकार एक क्षेत्र को स्वीकार कर हमें तोड़ने की कोशिश कर रही है. भाजपा ने मैथिली को अष्ट्म अनुसूची में स्थान दिया.
उन्होंने कहा कि हम कृषि, बिजली, सड़क सहित सभी टैक्स भरते हैं. पर हमारे विकास की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा. अगर हमें अलग राज्य का दर्जा नहीं मिला तो सभी टैक्स देना मिथिलावासी बंद कर देंगे. जरूरत पड़ी तो सड़क पर उतरकर उक्त आंदोलन भी करेंगे. यूपीए सरकार की कुत्सित राजनीति सफल नहीं होने देंगे. इस अवसरपर चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई व विनोद कुमार झा भी मौजूद थे.