हड़ताल . शिशु व गायनिक वार्ड में मरीजों की मौत के बाद हंगामा, विरोध में हड़ताल पर गये जूनियर डॉक्टर
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डीएमसीएच की चिकित्सा व्यवस्था चरमरायी
हड़ताल . शिशु व गायनिक वार्ड में मरीजों की मौत के बाद हंगामा, विरोध में हड़ताल पर गये जूनियर डॉक्टर दरभंगा : डीएमसीएच के शिशु रोग विभाग व गायनिक विभाग में पिछले दो दिनों के भीतर तीन मरीजों की मौत को लेकर परिजनों व एमएसयू के कार्यकर्ताओं द्वारा किये गये तोड़फोड़, हंगामें व प्रदर्शन के […]
दरभंगा : डीएमसीएच के शिशु रोग विभाग व गायनिक विभाग में पिछले दो दिनों के भीतर तीन मरीजों की मौत को लेकर परिजनों व एमएसयू के कार्यकर्ताओं द्वारा किये गये तोड़फोड़, हंगामें व प्रदर्शन के बाद सोमवार को जेडीए के आह्वान पर पीजी छात्र हड़ताल पर चले गये. पीजी छात्रों के हड़ताल पर चले जाने से डीएमसीएच की चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है. हड़ताल के कारण डीएमसीएच से मरीजों का पलायन शुरू हो गया है. वहीं नये मरीजों के भर्ती नहीं के बराबर हो रही है. बता दें कि शिशु रोग वार्ड में रविवार की सुबह सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के अतरबेल के एक सात महीने के बच्चे की मौत पिकू में हो गयी थी.
बच्चे के मौत के बाद परिजनों व परिजनों के बुलावे पर एमएसयू कार्यकर्ताओं द्वारा शिशु रोग विभाग में जमकर हंगामा किया गया था. इसके बाद पीजी छात्रों ने एकजुट होकर एमएसयू कार्यकर्ताओं की जमकर पिटाई की थी. इस दौरान समाचार संकलन कर रहे एक इलेक्ट्रॉनिक चैनल के पत्रकार की भी पीजी छात्रों ने पिटाई कर दी थी. इस घटना के बाद एमएसयू कार्यकर्ताओं ने आंदोलन की धमकी दी थी. इसको लेकर शिशु रोग विभाग के पीजी छात्र रविवार को ही हड़ताल पर चले गये थे.
हड़ताल के कारण शिशु रोग वार्ड से कल से ही मरीजों का पलायन शुरू हो गया था. वहीं सोमवार की सुबह गायनिक वार्ड के लेबर रूम में दो प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने जमकर बबाल किया. परिजनों ने नर्स, कर्मी व गार्ड के साथ धक्का-मुक्की की. इसके बाद चिकित्सक, नर्स व कर्मी भय से गायनिक वार्ड से भाग निकले. इस घटना के बाद जेडीए फिर से एकजुट हुये और अस्पताल अधीक्षक से सुरक्षा की गारंटी की मांग की. अधीक्षक द्वारा प्रशासन से बात करने के बाद कोई भी गारंटी देने की बात कही गयी. इसके बाद जेडीए अध्यक्ष डॉ सूर्य प्रकाश,
उपाध्यक्ष डॉ पंकज ने छात्रों से बात कर हड़ताल की घोषणा कर दी. जेडीए के घोषणा के चंद मिनट के बाद इमरजेंसी, सर्जरी, ऑर्थो, गायनिक, मेडीसिन, इएनटी, आंख व शिशु रोग विभाग में चिकित्सा व्यवस्था ठप हो गया. पीजी छात्रों के हड़ताल पर चले जाने से मरीज व उनके परिजनों में अफरा-तफरी का माहौल है.
जेडीए के हड़ताल के कारण डीएमसीएच में इलाज कराने आ रहे गरीब मरीजों पर पहाड़ टूट गया है. भर्ती नहीं किये जाने के कारण परिजन अपने मरीज को लेकर इमरजेंसी विभाग के सामने मायूस स्थिति में बैठे हुए हैं. दोपहर 12 बजे से इलाज के इंतजार में बैठे भीगो मुहल्ला की शगुफ्ता परवीन के परिजन ने बताया कि उनके मरीज के पेट में काफी तेज दर्द है. उसके पास पैसे भी नहीं है जो कहीं प्राइवेट क्लिनिक में ले जायें. बहेड़ी से आये राम प्रकाश ने बताया कि उनकी पत्नी का सिर फट गया था. निजी क्लिनिक से मरीज को डीएमसीएच रेफर कर दिया गया लेकिन यहां कोई इलाज करने के लिए तैयार नहीं है. अब वह क्या करें, उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा है. यही हाल एक दर्जन से अधिक मरीजों का है, जिनके परिजन इलाज के इंतजार में इमरजेंसी वार्ड के सामने बैठे हुए हैं.
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