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बिहार में बेदम हुई कोरोना, पहली 144, दूसरी 89 तो तीसरी लहर महज 36 दिनों में हुई खत्म, जानें क्या रहे कारण

वैक्सीनेशन व सतर्कता के कारण तीसरी लहर ने मात्र 36 दिनों में ही दम तोड़ दिया. आज भले ही अनुमडंल में एक एक्टिव मामले हों, लेकिन, चिंता या अफरा तफरी जैसी स्थिति कहीं भी नहीं है.

महाराजगंज. कोरोना संक्रमण की पहली लहर ने महाराजगंज अनुमडंल में 144 दिन कहर बरपाया था. जबकि, दूसरी लहर ने 69 दिन कहर बरपाया. जबकि, तीसरी लहर महज 36 दिन में ही खत्म हो गयी. पहली लहर से निश्चित ही दूसरी लहर का आवेग काफी तेज था. तीसरी लहर का आवेग उससे भी तेज होने की आशंका जतायी जा रही थी. लेकिन वैक्सीनेशन व सतर्कता के कारण तीसरी लहर ने मात्र 36 दिनों में ही दम तोड़ दिया. आज भले ही अनुमडंल में एक एक्टिव मामले हों, लेकिन, चिंता या अफरा तफरी जैसी स्थिति कहीं भी नहीं है. पहली लहर में 39 लोग कोरोना के कारण काल के गाल में समा गए थे.

तीसरी लहर में एक भी व्यक्ति की मौत नही हुई

वहीं दूसरी लहर में एक सौ से अधिक लोगों ने दम तोड़ा था. जबकि, तीसरी लहर में एक भी व्यक्ति की मौत नही हुई. इसके पहले दोनों लहरों में देखा गया था कि उसका फैलाव चरम पर पहुंचने के बाद संक्रमितों की संख्या दिन पर दिन बढती जा रही थी. इस बार किसी भी एक दिन में संक्रमितों की आधा दर्जन से उपर नहीं गयी. तीसरी लहर में अब तक तीन दर्जन लोग संक्रमित हो चुके हैं. इनमें से एक को छोड़ अन्य सभी संक्रमित पूरी तरह चंगा हो चुके हैं. महाराजगंज अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एसएस कुमार समेत अन्य डॉक्टरों ने भी तीसरी लहर जल्द खत्म होने की संभावना जतायी थी. इसमें स्वास्थ्यकर्मियों के सहयोग को नहीं भुलाया जा सकता. हालांकि तीसरी लहर शुरू होने तक अनुमडंल अस्पताल ऑक्सीजन, कंसंट्रेटर मशीन समेत अन्य साजो-सामान व उपकरण से लैस हो चुके थे.

पहली लहर में 418 तो तीसरी में मात्र 20 ही हुए संक्रमित

महाराजगंज में कोरोना का सबसे पहला मामला शहर में 27 मार्च 2020 को मिला था. इसके बाद पहली लहर में दो अगस्त को सबसे अधिक 88 संक्रमित मामले थे. इसके बाद संक्रमितों की संख्या में गिरावट आने लगी थी. महज 16 दिन बाद 18 अगस्त को संक्रमित रोगियों की संख्या नीचे आकर 6 हो गयी थी. पहली लहर में कोरोना के 418 लोग संक्रमित हुए थे. जबकि, तीसरी लहर में अब तक 43 दिनों में 20 लोग ही संक्रमित हुए.

दूसरी लहर सबसे भयावह, एक सौ से अधिक की हुई मौत

दूसरी लहर की भयावहता सबसे अधिक थी. अब तक की स्थितियों पर गौर करें तो इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस दौरान तीन मई 2021 को सबसे अधिक एक दिन में चार दर्जन से अधिक संक्रमित मामले थे. वहीं इस दौरान 9 ने कोरोना के कारण जान गंवाई थी. दूसरी लहर की चपेट में महाराजगंज 22 मार्च 2021 को आया. इसमें महाराजगंज ने अपने एक डॉक्टर समेत कई हरदिल अजीजों को खोया. हालांकि, इसके बाद संक्रमितों की संख्या में गिरावट आयी. बावजूद संक्रमितों की संख्या हजारों से नीचे आने में 69 दिन लगे. जबकि, तीसरी लहर में कभी भी एक दिन में संक्रमितों की संख्या सौ के पार नहीं गयी.

किसी को अस्पताल जाने की नहीं पड़ी आवश्यकता

तीसरी लहर में किसी को भी अस्पताल जाने की आवश्यकता नहीं पड़ी. पहली व दूसरी लहर में ऑक्सीजन के लिए मारा मारी मची थी. इस बार विशेष तैयारी थी. लेकिन, किसी को ऑक्सीजन की आवश्यकता ही नहीं पड़ी. दूसरी लहर के दौरान महाराजगंज अनुमडंल अस्पताल में 75 बेड रोगियों के इलाज की व्यवस्था की गयी थी. सभी बेड भरे पड़े थे. हालांकि तीसरी लहर में कोरोना रोगियों के इलाज इलाज कराने के लिए किसी को भर्ती करने की आवश्यकता ही नहीं पड़ी.

तीसरी लहर में एक दिन में मिले थे सबसे अधिक 20 संक्रमित

पहली लहर में जांच के दौरान एक दिन में चार दर्जन से अधिक तो दूसरी लहर में एक दिन में एक सौ से अधिक संक्रमित मामले मिले थे. लेकिन, तीसरी लहर में सात जनवरी को एक दिन में 10 संक्रमित मिले थे. इसके बाद से सीधे इकाई अंक में आ गया. अब तो नए मामले भी नहीं मिल रहे हैं.

सतर्कता में आयी काम

जेनरल फिजिसियन सह महाराजगंज अनुमडंल अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एसएस कुमार ने बताया कि दो लहरों के दौरान लोग बहुत कुछ जान गए थे. इससे बचाव के तरीके व सतर्कता के कारण तीसरी लहर उतनी प्रभावी नहीं रही. साथ ही लोगों को टीका लगा देने के कारण भी इसका फैलाव नहीं हो सका. पहली लहर में वायरस का पहला प्रभाव गला पर पड़ रहा था. दूसरी लहर में कोरोना ने सीधे फेफड़े को जानलेवा बना दिया. दोनों ही लहरों में सांसों की परेशानियां हुई थीं. लेकिन तीसरी लहर में इस वायरस का असर फेफड़ों पर न के बराबर पड़ा. गलाला करने, गर्म पानी पीने, मास्क पहनने व सामाजिक दूरी का पालन कर साधारण दवाओं व मात्र सात दिनों के होम आइसोलेशन में रहने से ही संक्रमित ठीक हुए.

खुशी: भीड़ बढ़ रही पर नहीं बढ़ रहे संक्रमण

स्कूल, कॉलेज, मंदिर, मठ, मस्जिद, कार्यालय, कोचिंग, बस व अन्य संस्थान पूरी क्षमता के साथ खुल चुके हैं. यानि भीड़ बढ़ने लगी है. बावजूद, संक्रमण के मामले नहीं बढ़ रहे हैं. यह राहत और खुशी देने वाली बात है. हालांकि कई लोग चौथी लहर की भी आशंका जता रहे हैं. लेकिन, हर स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य महकमा काफी अलर्ट है.

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