कुव्यवस्था. विद्यालय परिसर में जलजमाव से शिक्षक व छात्र रहते हैं परेशान
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फिसल कर गिरते हैं स्कूली बच्चे
कुव्यवस्था. विद्यालय परिसर में जलजमाव से शिक्षक व छात्र रहते हैं परेशान भेलाही के साथ-साथ प्रखंड के कई विद्यालयों में जलजमाव जलजमाव होने से छात्रों की संख्या में आयी कमी रक्सौल : क तरफ सरकार जहां विद्यालयों में बच्चों को जोड़ने के लिए तरह-तरह की कोशिश कर रही है तो दूसरे तरफ प्रखंड क्षेत्र के […]
भेलाही के साथ-साथ प्रखंड के कई विद्यालयों में जलजमाव
जलजमाव होने से छात्रों की संख्या में आयी कमी
रक्सौल : क तरफ सरकार जहां विद्यालयों में बच्चों को जोड़ने के लिए तरह-तरह की कोशिश कर रही है तो दूसरे तरफ प्रखंड क्षेत्र के कई ऐसे विद्यालय है. जहां पहुंचने तक बच्चों का रास्ता तक नहीं है. दो दिनो हो रही बारिश के बाद प्रखंड के कई विद्यालयों में स्थिति ऐसी है कि मुख्य गेट से लेकर पूरे विद्यालय परिसर में पानी का जमाव देखा जा रहा है. विद्यालय में जलजमाव के कारण बच्चे स्कूल आने से भी परहेज कर रहे हैं.
मंगलवार को प्रभात खबर की टीम दिन के 11:30 बजे राजकीय मध्य विद्यालय भेलाही में पहुंची तो विद्यालय के मुख्य गेट के पास नाला का गंदा पानी जामा था व पूरे विद्यालय में जलजमाव था. बच्चे पानी से होकर एक वर्ग से दूसरे वर्ग में जा रहे थे. पानी जमा होने के कारण पूरे विद्यालय परिसर में फिसलन हो गया था.
ऐसे में अगर बच्चे चापाकल पर भी जा रहे थे तो उन्हे परेशानी हो रही थी. छात्रों ने बताया कि पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण हमलोगों को काफी परेशानी हो रही है. अक्सर हमलोग फिसल कर गिर जाते हैं, जिसके बाद ड्रेस खराब हो जाता है और घर वापस जाना होता है. विद्यालय के प्रवेश द्वार पर ही नाला की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों के घर का गंदा पानी भी स्कूल के बाहर ही जमा रहता है. वैसे पानी से आने-जाने में काफी परेशानी होती है.
विद्यालय के प्राचार्य शुभेन्द्रु कुमार ने बताया कि विद्यालय से पानी निकासी की व्यवस्था नहीं है. सड़क से विद्यालय नीचे हो गया है, जिसके कारण पूरा पानी स्कूल में ही आ जाता है.
बंद हो चुका है नाला: प्राचार्य श्री कुमार ने बताया कि जलनिकासी नहीं होने का सबसे प्रमुख कारण नाला है. पूर्व में नाला ठीक था तो उससे पानी की निकासी होती थी. लेकिन करीब चार साल से लोगों के द्वारा अतिक्रमण कर नाला को जाम कर दिया गया है. इसके बाद जलनिकासी बंद हो गयी है. आम तौर पर हमेशा स्कूल के बाहर कचड़ा पानी जमा रहता है और जब बरसात होती है तो स्कूल परिसर में भी जलजमाव हो जाता है. इसको लेकर विभागीय अधिकारियों को पत्राचार किया गया है. स्थानीय जनप्रतिनिधि को भी इससे को लेकर एक पत्र दिया गया है.
दो विद्यालय का होता है संचालन: यहां बता दे कि एक तो जलजमाव और कमरे के अभाव के बीच मध्य विद्यालय भेलाही के परिसर में दो विद्यालयों का संचालन किया जाता है. एनपीएस भेलाही के पास अपना भवन नहीं होने के कारण इस विद्यालय का भी संचालन मध्य विद्यालय के ही परिसर में किया जाता है. ऐसे में जगह का अभाव होने के कारण बच्चे बरामदे में बैठकर पढ़ाई करते हैं. विद्यालय के शिक्षक प्रदीप कुमार
राम, सकलदेव राय, नितु कुमारी, सुनिता कुमारी, अनुराग बिहारी, सीमा कुमारी, प्रेरक विनय पटेल ने बताया कि बच्चे बरामदे में पढ़ाई करते हैं. पानी लगने के कारण बरामदा गंदा हो जाता है. किसी भी तरह से पढ़ाई करायी जाती है. हमेशा मन में डर लगा रहता है कि कही किसी प्रकार का हादसा न हो जाये. पानी लगने से पानी वाले सांप, बिच्छू भी आते रहते हैं.
स्कूल नहीं आ रहे बच्चे: भेलाही के साथ-साथ प्रखंड के कई विद्यालयों में जलजमाव की समस्या है. बारिश होने के बाद से बच्चे स्कूल आने से कतरा रहे हैं. मंगलवार को मध्य विद्यालय भेलाही में 593 नामांकित बच्चों के बीच 305 बच्चे ही स्कूल आये थे.
क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि : रेखा देवी मुखिया के पति पूर्व मुखिया अजय पटेल ने बताया कि विद्यालय में पूर्व से पानी लगने की जानकारी मिलने के बाद मिट्टी भराई का कार्य शुरू किया गया था. तब तक बारिश शुरू हो गयी. मिट्टी अभी नहीं मिल रही है.
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