मोतिहारी : भूकंप का खौफ लोगों के दिलो-दिमाग में घर कर गया है. लगातार आ रहे भूकंप के झटका से लोग सहम गये हैं. मंगलवार की रात खौफ के साये में गुजरी तो बुधवार को भी जलजला आने का भय लोगों को सताता रहा. टीवी चैनल व मीडिया में 48 घंटे तक अलर्ट रहने की सूचना पर लोगों में भूकंप का डर बना रहा. सबसे ज्यादा खौफ उनलोगों में था, जिनके मकानों भूकंप के झटकों से दरार आ गयी है.
कार्यालय से बाहर रहे कर्मी
बुधवार को फिर से धरती कांपने की पूर्वानुमान को लेकर नप कर्मी कार्यालय से बाहर ही रहे. भूकंप के झटकों से क्षतिग्रस्त नगर परिषद कार्यालय भवन दीवार के जलजला आने पर गिरने का भय कर्मियों को सता रहा था. स्थिति को देखते हुए कर्मी कार्यालय में मुनासिब नहीं समझ रहे थे. इसको लेकर कर्मियों ने भवन के दूसरे तले पर ही चलंत कार्यालय खोल लिया. सेकेंड हाफ के बाद कर्मी साहस जुटा कार्यालय गये.
नप को नहीं है चिंता
गत 25 अप्रैल को आयी भूकंप के पहले झटका में ही नगर पालिका कार्यालय की दीवार क्षतिग्रस्त हो गयी. इसके बाद आये भूकंप के झटकों से दीवार में पड़ी दरार और गहरी होती चली गयी. मंगलवार धरती कांपी तो क्षतिग्रस्त दीवार के हिलने की तीव्रता को देख कर्मियों के होश उड़ गये. जलजला के दौरान कर्मियों ने भाग कर जान बचायी. लेकिन इस घटना के बाद कार्यालय का क्षतिग्रस्त दीवार का जख्म और भी गहरा हो गया है. बावजूद नप प्रशासन इससे अनजान बनी हुई है.
आदेश भी बेअसर
भूकंप के पहले झटका के बाद ही नप मुख्य पार्षद प्रकाश अस्थाना ने जान-माल की सुरक्षा को लेकर शीघ्र कार्यालय की क्षतिग्रस्त दीवार की जांच कर मरम्मत कराने का निर्देश दिया. लेकिन कार्यपालक पदाधिकारी पर यह आदेश बेअसर रहा. जानकार बताते है कि लगातार आ रहे भूकंप के झटका से जहां कार्यालय में काम करना खतरा से खाली नहीं है. वहीं कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा अबतक इस दिशा में काई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. अब सवाल यह है कि क्या हादसा होने के बाद ही नप प्रशासन की नींद खुलेगी.