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बीएडीपी में स्किल डेवलपमेंट के नाम पर फर्जी प्रशिक्षण का खेल

मोतिहारी : सीमा क्षेत्र विकास योजना के तहत सीमा से जुड़े गांवों में बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने व भटके युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार के सहयोग से बोर्डर डेवलपमेंट योजना 2006-07 में शुरू की गयी. इसके तहत बिहार के सात जिले और पूर्वी चंपारण के […]

मोतिहारी : सीमा क्षेत्र विकास योजना के तहत सीमा से जुड़े गांवों में बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने व भटके युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार के सहयोग से बोर्डर डेवलपमेंट योजना 2006-07 में शुरू की गयी. इसके तहत बिहार के सात जिले और पूर्वी चंपारण के छह प्रखंडों का चयन किया गया. योजना के तहत सीमावर्ती गांव में सड़क, बिजली, सामुदायिक भवन, पार्क, पुस्तकालय आदि बुनियादी आधारभूत संचरनाओं का निर्माण करना था. इसके अलावा युवकों को प्रशिक्षित कर रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए कौशल विकास योजना तीन वर्ष पूर्व शुरु की गयी, जो कागजी खानापूर्ति के रूप में सामने आयी. अब जांच का जिम्मा निगरानी को दे दी गयी है.

ऐसे में विभागीय अधिकारियों में खलबली है. विभाग का दावा है कि कार्य धरातल पर हुआ है. हम जांच को तैयार है. डीपीओ विधान चंद्र राय स्किल डेवलपमेंट के तहत कार्य एजेंसी इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य को बनाया गया, जो कमेटी गठित कर इसे संचालित कर रहे हैं. इस मद में तीन वर्षों में दो करोड़ 17 लाख रुपये दिये गये हैं, ताकि युवकों को प्रशिक्षित कर रोजगार दिलाया जा सके. लेकिन, योजनाओं में गड़बड़ी को लेकर सरकार ने इसके जांच की जिम्मेवारी अब निगरानी विभाग को सौंप दी है. जिसमें डीपीओ विधान चंद्र राय, पूर्व डीपीओ अनिरंजन सिन्हा, इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य सहित 14 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
विवादों में फंसा स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम: निगरानी जांच के बाद केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम विवादों में फंसता नजर आ रहा है. डीपीओ विधान चंद्र के अनुसार, सरकारी कॉलेज होने के कारण कार्य एजेंसी इंजीनियरिंग कॉलेज को बनाया गया. कॉलेज के प्राचार्य के नाम से राशि का आवंटन होता है. जो एक कमेटी के माध्यम से काम कराते है. इधर, प्राचार्य रामचंद्र प्रसाद ने कहा है कि इससे मुझे कोई लेना-देना नहीं है. इसका संचालन पूर्व प्राचार्य एके मिश्रा कर रहे हैं. मामले में मुख्य समन्वयक सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के प्रो अखिलेश कुमार मिश्रा ने आंध्र बैंक के शाखा प्रबंधक को 25 मई, 2018 को पत्र लिख बीएडीपी से संबंधित खाता परिचालन पर रोक लगाने को कहा है, जिसका खाता संख्या 236011100000887 है.
बीएडीपी में चयनित जिले व प्रखंड: पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल व अररिया, पू.च. के चयिनत प्रखंड में ढाका, घोड़ासहन, बनकटवा, छौड़ादानों, आदापुर व रक्सौल है. इस वर्ष मुर्गी पालन प्रशिक्षण के लिए चिह्नित प्रखंडों को छह-छह लाख रूपये दिये गये है. प्रशिक्षण कागजी हुआ या धरातल पर इसको ले अधिकारियों के पसीने छूट रहे है. वर्ष 2017-18 में सेंट्रल स्कीम में 31 और स्टेट स्कीम में 18 योजना बीएडीपी के तहत लिया गया है.
मुख्य बातें
प्राचार्य प्रशिक्षण के नाम से अपने को कर रहे किनारा
बैंक को बीएडीपी खाता पर रोक लगाने को लिखा पत्र
मोतिहारी व पटना डीपीओ निगरानी
जांच के घेरे में
निगरानी जांच से अधिकारी व एजेंसी
के छूट रहे पसीने
दो करोड़ में 1410 युवकों के प्रशिक्षण का विभागीय दावा
बीएडीपी के तहत आठ वर्षों में आवंटित राशि
वर्ष राशि
2010-11 3.65 करोड़
11-12 8.98 करोड़
12-13 9.81 करोड़
13-14 9.60 करोड़
14-15 8.16 करोड़
15-16 8.86 करोड़
16-17 10 करोड़
17-18 9.99 करोड़
आंकड़ों की नजर में स्कील डेवलपमेंट
वर्ष राशि ट्रेंड युवक
2015-16 73.5 लाख 450
2016-17 88.44 लाख 360
2017-18 73 लाख 450
जांच कर होगी कार्रवाई
स्किल डेवलपमेंट स्कीम के तहत हुई गड़बड़ी की जांच की जिम्मेवारी मिली है. किस एजेंसी से कब और किस वर्ष काम कराया गया है. कौन-कौन एनजीओ कार्य किये है. इंजीनियरिंग कॉलेज स्तर पर कितने लोगों को प्रशिक्षित किया गया है. संपूर्ण मामले की बिंदुवार जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
कामोद प्रसाद सिंह, डीएसपी, निगरानी

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