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जिनका रिजल्ट खराब हो गया वे व्यवस्था को दे रहे हैं दोष
डुमरांव : इंटरमीडिएट परीक्षा परिणाम में भारी गिरावट से छात्रों एवं उनके अभिभावकोें में व्यवस्था के प्रति गहरा आक्रोश है. परीक्षा में फेल होनेवाले छात्रों तथा उनके अभिभावकों का कहना है कि पूरे साल स्कूल व काॅलेजों में पढ़ाई नहीं हो रही है. प्लस टू में न तो विषयवार शिक्षक हैं और न ही अन्य […]
डुमरांव : इंटरमीडिएट परीक्षा परिणाम में भारी गिरावट से छात्रों एवं उनके अभिभावकोें में व्यवस्था के प्रति गहरा आक्रोश है. परीक्षा में फेल होनेवाले छात्रों तथा उनके अभिभावकों का कहना है कि पूरे साल स्कूल व काॅलेजों में पढ़ाई नहीं हो रही है. प्लस टू में न तो विषयवार शिक्षक हैं और न ही अन्य संसाधन.
दूसरी मेधा घोटाला के बाद चौतरफा किरकरी झेल चुकी राज्य सरकार अपनी विफलता को छुपाने के लिए स्कूलों में सुचारू ढंग से पढ़ाई कराने के बदले सिर्फ परीक्षा में कड़ाई करने का ढोंग कर रही है. छात्रों ने काॅपियों के मूल्यांकन पर भी सवाल उठाया है तथा कहा है कि इस प्लस टू के शिक्षकों के हड़ताल पर रहने से काॅपियों का मूल्यांकन मिडिल स्कूल के शिक्षकों से कराया गया है, जिस कारण उन्हें लिखे गये उत्तर का सही नंबर नहीं मिल सका है. छात्रों ने काॅपियों का मूल्यांकन फिर से कराने की मांग की है. उनका कहना है कि यदि काॅपियों का मूल्यांकन ठीक ढंग से होता, तो रिजल्ट का प्रतिशत और बेहतर होता.
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