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गंगा में कटाव निरोधी कार्य में भारी गड़बड़ी

बक्सर : बक्सर प्रखंड के मझरियां व उमरपुर के बीच गरिमा कंस्ट्रक्शन के द्वारा कराये जा रहे गंगा के कटाव निरोधक कार्य में खुलेआम मनमानी की जा रही है. 15 मई तक कार्य पूरा करने की मियाद तय थी. लेकिन, अब तक यह पूरा नहीं हो सका है. जल्दबाजी में काम पूरा करने के चक्कर […]

बक्सर : बक्सर प्रखंड के मझरियां व उमरपुर के बीच गरिमा कंस्ट्रक्शन के द्वारा कराये जा रहे गंगा के कटाव निरोधक कार्य में खुलेआम मनमानी की जा रही है. 15 मई तक कार्य पूरा करने की मियाद तय थी. लेकिन, अब तक यह पूरा नहीं हो सका है. जल्दबाजी में काम पूरा करने के चक्कर में घोर अनियमितता बरती जा रही है. अनियमितता का आलम यह है कि प्रावधान के मुताबिक 75 किलो से अधिक वजन का सफेद बालू से भरा बोरा प्रत्येक कैरेट में 40 बोरे से कटाव निरोधक का काम किया जाना है परंतु विरले ही ऐसी कोई बोरी होगी जिसका वजन 20 किलो से अधिक का हो.
विभागीय अधिकारियों की मानें तो अधिक वजन का बोरा रहने से जमीन को मजबूती से पकड़ता है और कटाव होने की संभावना काफी कम हो जाती है. इसके अलावे गंगा के तट पर मिट्टी काटे बगैर ही कटाव निरोधक का काम किया गया है. नियमानुसार, गंगा तट पर चार फीट तथा धारा की पेंदी में 9 मीटर की दूरी तक मिट्टी काटकर स्लोपिंग का काम करना था पर मात्र 3-4 मीटर ही मिट्टी काटकर स्लोपिंग पर बोरा रखने का काम किया गया है.
काम के अनुरूप ही होगा भुगतान : इस संबंध में अभियंता प्रमुख अब्दुल हयात का कहना है कि यह सच है कि प्राक्कलन के अनुसार गंगा तट से 9 मीटर तक मिट्टी काटकर ही बोरा पीचिंग का काम करना था पर स्थानीय लोगों की शिकायत पर की गयी जांच में अनियमितता पायी गयी थी.
निरीक्षण के बाद अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए थे. इसके बावजूद अगर कटाव कार्य में गुणवत्ता की अनदेखी किये जाने की शिकायत मिली तो, काम के अनुसार ही बिल बनाया जायेगा. ज्ञातव्य हो कि विगत वर्ष इसी कार्य स्थल पर एकाएक गंगा कटाव होने के कारण एक ही रात में कई किसानों के खेत जलमग्न हो गए थे. अगर कार्य की गुणवता इसी प्रकार रही तो कटाव को रोकने हेतु सरकार द्वारा की जा रही करोड़ों की राशि खर्च करने का उद्देश्य विफल होने की संभावना स्थानीय ग्रामीणों ने व्यक्त की है.
हर वर्ष कटाव से किसान चिंतित
गंगा की धरा में भारी दवाब के कारण बाढ़ निरोधातमक कार्य में इस बार विभाग को नाकों चने चबाने पड़े थे. हर वर्ष गंगा नदी से तटबंध के बीच घटती दूरी के कारण कटाव की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है. विभागीय अधिकारी भी मानते हैं कि कार्य योजना के तहत काम नहीं शुरू किया गया तो आने वाले समय में गंगा नदी के कटाव से और भी तबाही होगी.
कार्यपालक अभियंता सत्यप्रकाश ने बताया कि 930 मीटर तक कटाव निरोधी कार्य किया जाना है. गुणवत्ता को लेकर लगातार निरीक्षण किया जा रहा है. गंगा नदी के दियारा क्षेत्र के किनारे बालू नदी के गर्भ में जमा होने के कारण गंगा की धारा हर वर्ष दायीं ओर शिफ्ट होती जा रही है.

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