बक्सर: प्रदेश की एकमात्र ओपन जेल में मंगलवार को सदर अनुमंडलाधिकारी ने पहुंचकर निरीक्षण किया और कैदियों की समस्याएं सुनीं. वे करीब एक घंटे तक ओपन जेल में कैदियों के बीच गुजारे. सबसे पहले उन्होंने कैदियों के वार्ड में पहुंचकर जायजा लिया. एसडीओ कैदियों से मिलकर उनकी समस्याओं से रूबरू हुए. उन्होंने बारी-बारी से जिमखाना, खान-पान, घर आदि जगह पहुंचे. कैदियों से एक-एक कर कई सवाल पूछा. उन्होंने ओपन जेल के पीछे की टूटी हुई चहारदीवारी के संदर्भ में भी जानकारी ली. स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि टूटी हुई दीवार ठीक करा ली गयी है. निरीक्षण के दौरान सदर एसडीओ संतुष्ट दिखे. उन्होंने जेल प्रांगण में आयोजित लीगल एड क्लिनिक की प्रशंसा करते हुए कहा कि क्लिनिक कैदियों की समस्याओं के निदान का अच्छा प्लेटफॉर्म है.
रिहाई में हो रही देरी की समस्याओं को जाना
ओपन जेल के निरीक्षण के बाद एसडीओ ने बताया कि सरकार को कैदियों की रिहाई में हो रही देरी की समस्याओं संबंधी शिकायतें प्राप्त हो रही थीं, जिस वजह से वे विशेष रूप से ओपन जेल का निरीक्षण करके कैदियों की समस्या सुनने गये थे. कहा कि संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये हैं. उन्होंने कई आवश्यक कागजातों की जांच करते हुए ओपन जेल प्रभारी को निर्देशित किया. साथ ही कैदियों को दिये जाने वाले खाने का मेन्यू भी चेक किया. साफ-सफाई रखने की हिदायत भी दी.
अधिकारियों को भेजी गयी है रिपोर्ट
ओपन जेल के प्रभारी सहायक आमोद कुमार ने बताया कि कई कैदी ऐसे हैं जिनकी सजा तो पूरी हो चुकी है,लेकिन वे कागजी कार्रवाई के चलते अभी भी जेल में सजा भुगत रहे हैं, इसकी रिपोर्ट संबंधित वरीय अधिकारियों को भेज दिया गया है. उम्मीद है जल्द ही ऐसे बंदियों को रिहाई दिलाने में मदद मिलेगी. निरीक्षण के दौरान उनके साथ ओपन जेल के प्रभारी सहायक आमोद कुमार, लीगल कोर्ट परिसर के पारा लीगल वोलेंटियर रामानुज तिवारी, पैनल अधिवक्ता डॉ विष्णुदत्त द्विवेदी व अन्य थे.
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