पहल. मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना, क्रियान्यवन में वार्ड सदस्यों की होगी सीधी भागीदारी
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235 करोड़ से 142 पंचायतों में पहुंचेगा जल
पहल. मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना, क्रियान्यवन में वार्ड सदस्यों की होगी सीधी भागीदारी बक्सर : सुशासन के कार्यक्रम के तहत राज्य सरकार के सात निश्चय में से एक हर घर-नल का जल पहुंचाने की कवायद बक्सर जिले में तेज हो गयी है. प्रशासनिक स्तर पर इसकी जोर शोर से तैयारी चल रही है. जिले […]
बक्सर : सुशासन के कार्यक्रम के तहत राज्य सरकार के सात निश्चय में से एक हर घर-नल का जल पहुंचाने की कवायद बक्सर जिले में तेज हो गयी है. प्रशासनिक स्तर पर इसकी जोर शोर से तैयारी चल रही है. जिले के 142 पंचायतों में इस योजना पर करीब 235 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. योजना को क्रियान्वित करने का लक्ष्य वर्ष 2019-20 रखा गया है. योजना की एक खासियत यह है कि पहली बार पंचायत के वार्ड सदस्यों की सीधी भागीदारी होगी. अब तक मुखिया के रहमोकरम पर रहने वाले वार्ड सदस्यों के भी अच्छे दिन आयेंगे. इन्हीं की अध्यक्षता में समिति का गठन होगा, जो सचिव के साथ संयुक्त रूप से बैंक खाते का संचालन करेंगे. मतलब कि योजना का चयन
क्रियान्वयन व लोक निर्माण समिति के माध्यम से अनुश्रवण की पूरी जिम्मेदारी मुख्य रूप से वार्ड सदस्यों के कंधे पर ही रहेगी.
प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 70 लीटर जल : ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप द्वारा शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए ग्राम पंचायतों के माध्यम से जलापूर्ति की छोटी-छोटी योजनाएं बनायी जायेगी. पंचायतों के एक वार्ड को एक इकाई मान कर योजना का क्रियान्वयन किया जायेगा. एक वार्ड में प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 70 लीटर जल की आवश्यकता होगी. जिसकी आपूर्ति प्रत्येक वार्ड में बोरिंग, सबमर्सिबल पंप व डिस्ट्रीब्यूशन पाइप लाइन के माध्यम से की जायेगी. हर पंचायत में पानी की दो टंकिया बनायीं जायेंगी. जल की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए बोरिंग की न्यूनतम गहराई सरकार ने सौ मीटर निर्धारित की है.
हर काम के लिए निर्धारित है समय सीमा : वार्ड सदस्य सभा कर जलापूर्ति का प्रारूप निर्धारित प्रपत्र में तैयार कर योजना प्रस्ताव ग्राम पंचायत के अनुमोदन को भेजेंगे. वार्ड से मिले प्रस्ताव को सात दिनों के अंदर मुखिया ग्राम पंचायत की कार्यकारिणी की बैठक कर अनुमोदन देंगे. अनुमोदन के तीन दिनों के अंदर वार्ड जलापूर्ति समिति का बैंक खाता खोला जायेगा. ग्राम पंचायत से योजना क्रियान्वयन का अनुमोदन मिलने के पांच दिन के अंदर कनीय अभियंता की सहायता से वार्ड समिति जलापूर्ति योजना का डीपीआर तैयार कर प्रशासनिक स्वीकृति के लिए ग्राम पंचायत को समर्पित कर देगी.
ग्राम पंचायत के वार्ड सदस्य की अध्यक्षता में सात सदस्यीय वार्ड जल आपूर्ति समिति का गठन किया जायेगा. समिति योजना का क्रियान्वयन व रखरखाव करेगी, समिति का गठन दो वर्षों के लिए होगा. संबंधित वार्ड के पंच समिति के उपाध्यक्ष होंगे. वार्ड के तीन महिलाओं दो पुरुषों का चयन सदस्य के रूप में किया जायेगा. अगर वार्ड में अनुसूचित जाति व जनजाति के परिवार हैं तो समिति के सदस्यों में कम से कम एक महिला एक पुरुष सदस्य इस परिवार से अनिवार्य रूप से होंगे. समिति सदस्यों में से कम से कम 10वीं कक्षा पास एक सदस्य सचिव बनेगा. सभा बुलाने, लेखाजोखा व अभिलेख संधारण की जिम्मेदारी सचिव की होगी.
एक पंचायत में खर्च होंगे एक करोड़ 66 लाख : योजना में एक पंचायत पर एक करोड़ 66 लाख 32 हजार रुपये खर्च होंगे. इस लिहाज से जिले में दो अरब 35 करोड़ रुपये खर्च आयेंगे. पंचायतों को 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा से प्राप्त होने वाली बुनियादी अनुदान की कम से कम 40 फीसदी राशि तथा पंचम राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा से प्राप्त होने वाली राशि का न्यूनतम 45 फीसदी खर्च होगा. योजना का क्रियान्वयन पीएचइडी के पर्यवेक्षण नियंत्रण में किया जायेगा. जो गुणवत्ता के लिए भी जवाबदेह होगा.
दो साल का होगा वार्ड समिति का कार्यकाल
क्या कहते हैं अधिकारी
हर घर-नल का जल पहुंचाने के लिए तैयारी की जा रही है. सरकार के दिशा निर्देशों प्राप्त हुए हैं. उसी के अनुरूप योजना तैयार की जा रही है. हर हाल में तय लक्ष्य को हासिल करने की तैयारी है.
मो मोबिन अली अंसारी, डीडीसी बक्सर
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