चौगाई़ : हाय रे सलमा तेरी यही कहानी, सदा दिखे आंखों में पानी़ भोजपुर जिला के गजराजगंज के बदला हुआ नाम सलमा की जिंदगी पूरी तरह फिल्मी है़ हमेशा हंसनेवाली सलमा प्यार में इस कदर दलदल में फंस गयी कि ना इस दलदल से निकल पा रही है और न उबर पा रही है़ सलमा की मानें, तो जिंदगी में सबसे बड़ा भूल कि चौगाईं गांव के पन्नालाल सोनार के लड़का पप्पू सोनार से प्यार और शादी है. सलमा इस कदर टूट गयी है कि कभी महिला
आयोग की दरवाजे खटखटा रही है, तो कभी थाने की चक्कर, लेकिन कहीं न्याय नहीं मिल रहा है़ जानकारी के अनुसार भोजपुर के गजराजगंज की रहनेवाली सलमा की 2013 में मुरार थाने के चौगाई गांव के पश्चिमपट्टी के पन्नालाल सोनार के पुत्र पप्पू सोनार से प्रेम हुआ. इसी बीच प्यार में पागल सलमा और पप्पू इतना करीब हो गये की एक दूसरे के बिना रह नहीं सकते थे और दोनों पांच जुलाई 2013 को हिंदू रीति रिवाज के साथ रोहतास जिले के सासाराम में मां तारा चंडी मंदिर में शादी कर लिये.
सलमा उस समय सासाराम के एक निजी नर्सिंग होम में एक नर्स के रूप में कार्यरत थी़ शादी के कुछ दिन बाद सलमा अपने पति से कहने लगी की अपने घर चौंगाईं ले चलो. लेकिन, उसको क्या पता जिसको आंखों में बसाया वह मजहब का ख्याल किये गदर निकलेगा. पप्पू सलमा के बिन बताये तीन माह बाद ही घरवालों के कहने से शादी रचा ली़ जब ये बात सलमा को पता चला तो उसका होश उड़ गया़ पांच फरवरी, 2014 को बक्सर सदर अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया,
जिसे लेकर अब पति की चाह में इधर-उधर भटक रही है. वहीं, पप्पू ने गुस्से में आकर खुद को गोली मार ली, लेकिन सलमा ने खुद बनारस ले जाकर उनकी जान बचायी. बेबस व असहाय सलमा महिला आयोग से लेकर मुरार थाने की दरवाजा तक खटखटा चुकी है, लेकिन अब तक उसे न्याय नहीं मिला है. वहीं, पप्पू सोनार की मानें, तो दो-दो शादी कर के गलती कर चुका हूं. लेकिन चौगाईं घर में सलमा को नहीं ला सकता हूं.