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शहरवासियों को मिलेगा शुद्ध पेयजल

एक अरब होगा खर्च. पेयजल मुहैया कराने के लिए नगर पर्षद तैयार कर रहा डीपीआर अगर सबकुछ ठीक रहा, तो शहरवासियों को इस वर्ष के अंत तक शुद्ध पेयजल नगर पर्षद उपलब्ध करा सकता है. इसके लिए डीपीआर तैयार की जा रही है, जिस पर लगभग एक अरब रुपये का खर्च आयेगा, जिसमें 50 प्रतिशत […]

एक अरब होगा खर्च. पेयजल मुहैया कराने के लिए नगर पर्षद तैयार कर रहा डीपीआर
अगर सबकुछ ठीक रहा, तो शहरवासियों को इस वर्ष के अंत तक शुद्ध पेयजल नगर पर्षद उपलब्ध करा सकता है. इसके लिए डीपीआर तैयार की जा रही है, जिस पर लगभग एक अरब रुपये का खर्च आयेगा, जिसमें 50 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देगी, तीस प्रतिशत राशि राज्य सरकार और बाकी के बीस प्रतिशत राशि नगर पर्षद वहन करेगी़
बक्सर : शहर को पेयजल उपलब्ध कराने और शुद्ध पेयजल घर-घर मुहैया कराने को लेकर नगर पर्षद की कवायद चल रही है. अगर सब कुछ ठीक रहा, तो इस वर्ष के अंत तक यह योजना शुरू हो जायेगी़ इसके बदले नगर पर्षद टैक्स के रूप में महानगरों की तरह पैसे की वसूली करेगी.
इसके लिए नगर पर्षद ने शुद्ध डीपीआर तैयार कर लिया है और राज्य सरकार के नगर विकास विभाग को भी भेज दिया है. शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए करीब एक अरब रुपये नगर पर्षद द्वारा खर्च करने की योजना है.
शहर के हर क्षेत्र में नयी पाइप लाइन बिछाई जायेगी और घरों को जलापूर्ति का कनेक्शन दिया जायेगा. पिछले दिनों राज्य सरकार स्तर पर हुई बैठक में यह बात साफ हो गयी थी कि अब किसी भी वार्ड में कोई चापाकल नहीं गड़ेगा और बदले में सभी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा. पेयजल के लिए नगर पर्षद डीप बोरिंग करायेगी,जिसकी गहरायी 600 से 700 मीटर तक होगी. ताकि निर्मल और स्वच्छ जल पाइप के जरिये घर-घर तक भेजी जा सकें.
पहले सात वार्ड चिह्नित थे अब पूरा शहर
जानकारी के अनुसार अटल अमृत योजना के तहत शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए पूर्व में सात वार्डों में पंप हाउस बनाने के लिए स्थल चिह्नित किये गये थे. अब सिर्फ सात वार्ड ही नहीं, बल्कि सभी वार्डों में पंप हाउस बनाने की तैयारी है और फिलहाल 12 से 14 वार्डों में पंप हाउस बनाने की दिशा में डीपीआर तैयार किया जाना है. पूरे शहर को पानी मुहैया कराने के लिए कई चरणों में काम कराया जायेगा. बडी योजना है इसलिए नगर विकास विभाग तथा बिहार जला परिषद इस पूरे काम की मॉनिटरिंग करेगा. जानकारी के अनुसार पूर्व में बाजार सब्जी रोड, किला मैदान स्टेडियम, आइटीआइ मैदान, पुलिस क्लब, सोहनी पट्टी और छोटकी सारिमपुर व खलासी मुहल्ला में स्थान तय करके राज्य सरकार को भेजा गया था, मगर अब स्थलों की सूचि में और इजाफा किया जायेगा और ऐसी व्यवस्था की जायेगी कि सभी वार्डों को उसमें शामिल कर लिया जाये.
वर्तमान में दो लाख रुपये पेयजल के लिए मिलते हैं
नगर पर्षद में फिलहाल पेयजल से टैक्स के रूप में शहरवासियों से करीब दो लाख रुपये सालाना आमदनी होती है. पूर्व में यह राशि दोगुनी से अधिक थी, मगर जलापूर्ति व्यवस्था गड़बड़ होने से और पाइपें फटने से लोगों ने स्वैच्छा से जलापूर्ति लेना बंद कर दिया, जिससे नगर पर्षद को राजस्व कम हो गया. नयी व्यवस्था में बड़े राजस्व प्राप्ति की संभावना नगर पर्षद के अधिकारी जताते हैं.
50 फीसदी राशि केंद्र सरकार देगी
इस शुद्ध पेयजल आपूर्ति योजना में जो एक अरब रुपये का खर्च आयेग, उसमें 50 फीसदी राशि भारत सरकार देगी और 30 फीसदी राशि बिहार सरकार देगी. बाकी के 20 फीसदी राशि नगर पर्षद अपने संसाधनों से जुटा कर व्यय करेगा. इस योजना के बाद घर-घर शुद्ध जलापूर्ति के लिए नयी पाइप लाइन बिछाई जायेगी. क्योंकि पुरानी पाइप लाइन जर्जर स्थिति में है.
क्या कहते हैं वाइस चेयरमैन
नगर पर्षद के वाइस चेयरमैन इफ्तखार अहमदकहते हैं कि नयी शुद्ध पेयजल आपूर्ति योजना से शहरवासियों को लाभ मिलेगा. भले ही थोड़ी राशि पेयजल के एवज में टैक्स के रूप में शहरवासियों को देनी पड़े, मगर लोगों को आॅर्सेनिक जैसे अन्य रासायनों से युक्त पेयजल से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जायेगी.

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