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60 लाख का स्वर्ण कारोबार ठप

बक्सर : सोना-चांदी के व्यवसाय पर वैट बढ़ाये जाने व दो लाख के आभूषण की खरीद पर पैन कार्ड जमा किये जाने के विरोध में राष्ट्रव्यापी एक दिवसीय आंदोलन को लेकर बक्सर जिले की आभूषण की दुकानें बुधवार को बंद रहीं. दुकानें बंद रहने से लग्न के इस मौसम में करीब 50-60 लाख रुपये का […]

बक्सर : सोना-चांदी के व्यवसाय पर वैट बढ़ाये जाने व दो लाख के आभूषण की खरीद पर पैन कार्ड जमा किये जाने के विरोध में राष्ट्रव्यापी एक दिवसीय आंदोलन को लेकर बक्सर जिले की आभूषण की दुकानें बुधवार को बंद रहीं. दुकानें बंद रहने से लग्न के इस मौसम में करीब 50-60 लाख रुपये का कारोबार बाधित रहा. दुकानदारों ने न सिर्फ अपनी दुकानें बंद रखीं , बल्कि सरकार के विरोध प्रदर्शन भी किया. दिन भर शहर की आभूषण बाजार में दुकानदारों का जमावड़ा रहा और दुकानों के शटर बंद रहे.

सभा कर जताया विरोध
विरोध प्रदर्शन के बाद बुधवार को स्वर्ण दुकानदारों ने बाद में एक सभा भी की, जिसकी अध्यक्षता अखिल भारतीय स्वर्णकार समाज विकास एवं शोध संस्थान के और समाज के अध्यक्ष रमेश चंद्र वर्मा ने की. विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व प्रदेश स्तर के प्रतिनिधि दिलीप वर्मा ने किया. नेताओं ने अपने संबोधन में कहा कि वैट बढ़ाया जाना जनहित में नहीं है
और इससे सोना-चांदी के कारोबारियों पर बुरा असर पड़ रहा है. साथ ही दो लाख के आभूषण की खरीद पर पैन कार्ड की अनिवार्यता से व्यवसाय पर बुरा असर पड़ेगा. क्योंकि शादी-विवाह के मौसम में मध्यम श्रेणी के लोग भी दहेज के पैसे से आभूषण खरीदते हैं और उनके पास पैन कार्ड नहीं होता, जिससे परेशानी हो रही है.विरोध-प्रदर्शन में देवेंद्र वर्मा, सुशील कुमार वर्मा, अमित वर्मा, राजेश वर्मा, पप्पू वर्मा, अभिषेक वर्मा, रिंकू वर्मा, टिंकू वर्मा आदि शामिल रहे.
क्या कहते हैं स्वर्ण व्यवसायी
आरके ज्वेलर्स के मालिक विनय कुमार कहते हैं कि केंद्र सरकार का यह फैसला स्वर्ण आभूषण व्यवसायियों के लिए संकट पैदा कर रहा है.इसका विरोध राष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है और इसकी लड़ाई आगे भी लड़ी जायेगी. उन्होंने कहा कि डुमरांव के दो दर्जन और बक्सर के तीन दर्जन दुकानदार आज अपनी-अपनी दुकानों को बंद कर इस फैसले का विरोध किया.
गंगा राम मदन प्रसाद ज्वेलर्स के मालिक अशोक कुमार उर्फ अशोक जी सर्राफ कहते हैं कि केंद्र सरकार ने दो लाख रुपये की खरीद पर पैन कार्ड जरूरी कर दिया है. जबकि 100 ग्राम सोने की कीमत ही ढाई लाख रुपये से अधिक हो जाती है. दहेज के पैसे से होनेवाली शादी के लिए खरीदारी में परेशानी हो रही है. क्योंकि उनके पास पैन कार्ड नहीं होता. उन्होंने पांच लाख रुपये की अधिकतम सीमा निर्धारित किये जाने की मांग की है.
क्या कहते हैं लोग
सोना-चांदी की खरीदारी शादी-विवाह के मौसम में न सिर्फ गरीब परिवार करते हैं, बल्कि मध्यम वर्ग से लेकर आयकर देनेवाले भी करते हैं.ऐसे में छोटे परिवारों के लिए दुल्हन को जेवर खरीद कर देना मुश्किल हो गया है. क्योंकि आयकर देनेवाले जिले में ज्यादा लोग नहीं हैं और ज्यादातर गांव के लोग किसानी करके अपना जीवन यापन करते हैं.किसानों के लिए आयकर भरना और पैन कार्ड लेना बड़ी बात हो जायेगी और इससे शादी विवाह में भी परेशानी हो जायेगी.

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