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बिजली नहीं थी,फिर भी आया बिल
बिजली विभाग की लापरवाही से उपभोक्ता त्रस्त हो गये हैं़ जिले में ऐसे हजारों की संख्या में बिजली उपभोक्ता हैं, जो बढ़ कर आये बिजली बिल को सुधरवाने के लिए विभाग का रोज दिन चक्कर लगा रहे हैं़ वहीं विभागयी अधिकारी किसी-न-किसी गड़बड़ी या फिर अगले सप्ताह या माह बिल सुधर जायेगा की बात कह […]
बिजली विभाग की लापरवाही से उपभोक्ता त्रस्त हो गये हैं़ जिले में ऐसे हजारों की संख्या में बिजली उपभोक्ता हैं, जो बढ़ कर आये बिजली बिल को सुधरवाने के लिए विभाग का रोज दिन चक्कर लगा रहे हैं़ वहीं विभागयी अधिकारी किसी-न-किसी गड़बड़ी या फिर अगले सप्ताह या माह बिल सुधर जायेगा की बात कह कर पल्ला झाड़ ले रहे हैं
बक्सर : बिजली बिल में सुधार कराने के लिए उपभोक्ताओं के पसीने छूट रहे हैं, लेकिन सुधार प्रक्रिया काफी धीमी है. वहीं, विभाग की गलती का खामियाजा लोगों को सहना पड़ रहा है. बरुणा के उपभोक्ताओं की परेशानी कुछ इसी तरह की है. दरअसल 2001 से बिजली आपूर्ति इस गांव में ठप रहने के बाद भी उपभोक्ताओं को हजारों रुपये का बिल थमा दिया गया. बिल में सुधार कराने के लिए उपभोक्ता महीनों से विभाग का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन विभाग बिजली आपूर्ति ठप रहने की बात से इनकार कर रहा है. इससे उपभोक्ताओं में विभाग के प्रति काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है.
गांव में टंगे तार को 2001 में चोरों ने काट लिया था
औद्योगिक थाना क्षेत्र के बरुणा गांव में वर्ष 2001, में चोरों ने बिजली के तार को काट लिया था, जिससे बिजली आपूर्ति ठप हो गयी थी. 12 साल बाद बरुणा में वर्ष 2013, में बिजली आपूर्ति बहाल की गयी, लेकिन विभाग ने नवंबर 2015, को लगभग 35 उपभोक्ताओं को 12 वर्ष बिजली के ठप रहने के बाद भी बिल के रूप में 31229 रुपये बकाये की राशि भेज दी है, जिससे उपभोक्ता काफी गुस्से में हैं.
अजीत यादव ने बताया कि बिजली आपूर्ति नहीं रहने के बाद भी विभाग अपनी मनमानी करते हुए हजारों का बिल उपभोक्ताओं को भेज दिया है, जिसको सुधारने के लिए लोगों को विभाग का महीनों से चक्कर लगाना पड़ रहा है.
श्री यादव ने बताया कि विभाग बिजली के तार को काट कर चोरी होने की घटना से इनकार कर रहा है. इस संबंध में ग्रामीण जेइ ने लिखित रूप से यह कहा है कि गांव की बिजली कटने की अवधि का कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं है. श्री यादव ने बताया कि 12 वर्ष तक गांव में बिजली नहीं थी. विभाग का तार चोरों ने काट लिया था, लेकिन विभाग को अपनी संपत्ति की कोई चिंता तक नहीं है. वहीं, इस मामले को लेकर अधिकारियों का रवैया काफी असहयोगात्मक है, जिससे उपभोक्ता काफी आहत हैं.
इससे पहले भी हुई है परेशानी
इटाढ़ी रोड स्थित लालगंज के समीपवाले गांव के लगभग 50 उपभोक्ताओं पर ट्रांसफॉर्मर जलने के बाद भी हर माह बिल भेजा गया, जिससे उन्हें काफी परेशानी हुई. इस संबंध में कार्यपालक अभियंता ने कहा था कि ट्रांसफॉर्मर के जलने की सूचना विभाग को नहीं मिली थी. जब से विभाग को ट्रांसफॉर्मर जलने की सूचना मिली है, उसके बाद से बिजली बिल वसूला जायेगा.
दर्जनों बार अधिकारियों से ग्रामीणों ने की है फरियाद
उपभोक्ताओं ने बताया कि बिल सुधार के लिए विभाग के अधिकारियों का दर्जनों बार खुशामद किया, लेकिन दो माह से अधिक वक्त बीत चुका है, लेकिन बिल सुधार नहीं हो पाया है. ग्रामीण जेइ से लगभग 25 बार कार्यपालक अभियंता से पांच बार और एसडीओ से लगभग 10 बार मिल चुके हैं. बावजूद इसके बिल को सुधारा नहीं गया है.
क्या कहते हैं ग्रामीण एसडीओ
ग्रामीण एसडीओ अभय रंजन ने बताया कि बरुणा के मामले में टीम गठित कर दी गयी है. आवेदन की जांच कर जनवरी माह में ही सुधार कर ली जायेगी, लेकिन कितने साल का बिल माफ किया जायेगा. यह अभी नहीं बताया जा सकता है.
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