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बुधवार को शहर में जाम से दिन भर हलकान रहे लोग

बक्सर : बुधवार के दिन नगर के प्रमुख जगहों ज्योति प्रकाश चौक, आंबेडकर चौक, यमुना चौक, मुनीम चौक, नगर के मेन रोड, रामरेखा घाट से होकर गुजरनेवाले लोग जाम में फंस कर बुरी तरह दिन भर हलकान रहे. सड़कों पर वाहन चलने की बजाये रेंगते हुए नजर आये.स्थिति ऐसी थी कि एक किलोमीटर की दूरी […]

बक्सर : बुधवार के दिन नगर के प्रमुख जगहों ज्योति प्रकाश चौक, आंबेडकर चौक, यमुना चौक, मुनीम चौक, नगर के मेन रोड, रामरेखा घाट से होकर गुजरनेवाले लोग जाम में फंस कर बुरी तरह दिन भर हलकान रहे. सड़कों पर वाहन चलने की बजाये रेंगते हुए नजर आये.स्थिति ऐसी थी कि एक किलोमीटर की दूरी तय करने में लगभग एक घंटे का समय लग गया.
ज्योति प्रकाश चौक की स्थिति तो सबसे ज्यादा खराब थी. छोटे वाहनचालक, तो अन्य मार्गो से अपने गंतव्य की ओर जैसे-तैसे जाते नजर आये, लेकिन बड़े वाहनचालकों को शहर से निकलने में घंटों लग गया. बक्सर शहर आस्था का केंद्र होने के कारण बाहर से आनेवाली गाड़ियों की ज्यादा संख्या होने से शहर की सड़कों पर अचानक भीड़ बढ़ गयी. जाम को हटाने में ट्रैफिक पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी.
इन कारणों से लगा जाम : सावन माह में इन दिनों शहर के रामरेखा घाट पर गंगा स्नान करने के लिए बाहरी लोगों का आना और दिनों के मुकाबले कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है. लोग बक्सर में गंगा स्नान कर जिले के विभिन्न शिव मंदिरों में जल भर कर यहीं से पैदल यात्र करते हैं. इन भक्तों के साथ ट्रैक्टर व अन्य वाहनों का आना भी होता है, जिससे सड़क पर दबाव बढ़ जाने से जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी.
जहां-तहां ठेला लगा कर हो रही दुकानदारी : शहर की सड़क बहुत ही पुरानी है, जो आज की आबादी को देखते हुए चौड़ी नहीं है. वहीं, दूसरी ओर इन सड़कों पर ठेला लगा कर दुकानदार फल, चाय, श्रृंगार, खिलौना, पूजा-पाठ आदि सामान की बिक्री करते हैं, जिससे सड़कें काफी संकीर्ण हो गयी हैं.
बढ़ी आबादी का असर : नगर की आबादी बढ़ने के साथ ही भौतिक साधनों का विकास भी उसी रूप में हुआ है. बढ़ी आबादी के अनुरूप नगर के सड़कों का विस्तार नहीं हुआ है, जिससे सड़क की क्षमता से कई गुना ज्यादा वाहनों के परिचालन से समस्या खड़ी हो गयी है. नगर का ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गयी है. सड़कें वाहनों की भार से कराहने लगी हैं.
निजी विद्यालयों का विस्तार : प्राय: सभी मुहल्लों में निजी विद्यालयों के खुल जाने के साथ ही नगर में कुछ बड़े विद्यालय खुले हैं, जिनमें एक-दूसरे से अच्छा बनने की होड़ लगी है. सड़कों की संख्या में इन विद्यालयों की बसें एक साथ नगर की सड़कों पर दिन में गुजरती हैं. बड़े वाहन होने के कारण सड़कों पर छोटे वाहनों का परिचालन ठहर सा जाता है.
ऑटो रिक्शा की बढ़ी संख्या : नगर में ऑटो रिक्शा की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है. इन दिनों पूरे नगर में लगभग पांच हजार की संख्या में ऑटो एक साथ चल रहे हैं. ऑटो बेतरतीब ढंग से न केवल चलते हैं, बल्कि जगह-जगह रोकने से भी जाम की समस्या उठ जाती है.
ऐसे हो सकता है इस समस्या का समाधान : नगर में जाम की समस्या को दूर करने के लिए प्रशासनिक स्तर पर ठोस पहल की आवश्यकता है. एक साथ विद्यालयों की गाड़ी नगर में प्रवेश करते हैं, उनके लिए मार्ग निर्धारित किया जाना चाहिए. ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त किया जाना चाहिए. जाम लगने पर जाम लगे जगह से पूर्व स्थित अन्य मार्गो का लोगों द्वारा सहारा लेना होगा.
शहर में जब जाम लगे, तो इन मार्गो का करें चयन
ज्योति प्रकाश चौक-यहां जाम लगने पर लोग नहर व पइन के रास्ते से शहर या फिर चरित्रवन की ओर जा सकते हैं.यमुना चौक पर जाम-यहां जाम लगने पर छोटे वाहनचालक बड़ी देवी स्थित अस्पताल मार्ग होते हुए शहर में आ सकते हैं.
मॉडल थाना जाम-यहां जाम होने पर चरित्रवन की ओर से आनेवाले छोटे वाहन किला स्थित अतिथिगृह मार्ग का उपयोग कर सकते हैं. बड़े वाहनों के लिए इधर से विकल्प नहीं है, बल्कि वे बड़ी सोन नहर रोड से जा सकते हैं.
शहर के मेन रोड में जाम-अगर शहर में जाम लगे, तो बाइपास रोड एवं बड़ी बाजार रोड का सहारा लिया जा सकता है.मुनीम चौक जाम-यहां पर जाम लगने पर लोग छोटी गाड़ियों से अस्पताल रोड से मेन रोड पर एवं एसबीआइ मुख्य शाखा मार्ग से मेन रोड में आ सकते हैं. पीपी रोड से आनेवाले वाहन ठठेरी बाजार होकर मेन रोड में आ सकते हैं.

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