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आयुर्वेद चिकित्सक के जिम्मे सदर अस्पताल का इमरजेंसी

नहीं है इन्हें आधुनिक चिकित्सा पद्धति की जानकारी, नहीं लिख पाते जख्म प्रतिवेदन बक्सर : सदर अस्पताल के आपातकाल में इन दिनों आयुर्वेदिक चिकित्सक की सेवा ली जा रही है, जो आधुनिक चिकित्सा पद्धति से बिल्कुल अनभिज्ञ हैं. इससे इमरजेंसी में ड्यूटी के दौरान मरीज त्रुटिपूर्ण सेवा की संभावना से खौफजदा रहते हैं तथा वे […]

नहीं है इन्हें आधुनिक चिकित्सा पद्धति की जानकारी, नहीं लिख पाते जख्म प्रतिवेदन
बक्सर : सदर अस्पताल के आपातकाल में इन दिनों आयुर्वेदिक चिकित्सक की सेवा ली जा रही है, जो आधुनिक चिकित्सा पद्धति से बिल्कुल अनभिज्ञ हैं. इससे इमरजेंसी में ड्यूटी के दौरान मरीज त्रुटिपूर्ण सेवा की संभावना से खौफजदा रहते हैं तथा वे इस दौरान सेवा देने में स्वयं को असमर्थ पाते हैं.
गौरतलब है कि इमरजेंसी में ज्यादातर मामले मारपीट में घायल, दुर्घटनाग्रस्त व सजर्री से जुड़े ही आते हैं. कभी-कभी जख्म प्रतिवेदन भी लिखना पड़ता है, जिसका आयुर्वेदिक चिकित्सक को ज्ञान नहीं होता है.
क्या कहते हैं प्रभारी
सिविल सजर्न
प्रभारी सिविल सजर्न राम नारायण राम ने कहा कि आयुष चिकित्सकों का आपातकाल में ड्यूटी नहीं लगाना है. मेरी ओर से उनकी ड्यूटी नहीं लगायी जाती है. बावजूद आयुर्वेदिक चिकित्सक सदर अस्पताल में आपात सेवा देते हैं.
इमरजेंसी में सेवा देना हमारे लिए सामान्य नहीं
सदर अस्पताल में तैनात आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ पीसी प्रसाद ने आपात ड्यूटी लगाये जाने पर सिविल सजर्न को लिखित आवेदन देकर ड्यूटी से हटाने की गुहार लगायी है.
डॉ श्री प्रसाद का कहना है कि आपात में इलाज करना हमारे लिए सामान्य नहीं है, चूंकि आपातकाल में वैसे मरीज आते हैं, जिनका इलाज आयुर्वेदिक चिकित्सक नहीं कर सकते.
आपातकाल में थोड़ी त्रुटि होने की दशा में रोगी एवं परिजनों द्वारा मुङो कोप का भाजन होना पड़ सकता है.

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