डुमरांव : स्वास्थ्य विभाग ने विश्व जनसंख्या दिवस पर 21 दिनों तक अनुमंडलीय अस्पताल में कैंप लगाया लेकिन जिला का जो लक्ष्य तय था, उससे विभाग कोसों दूर रहा. मात्र 35 प्रतिशत का आंकड़ा तय कर पाया. पहले 11 से 24 जुलाई तक कार्यक्रम तय था लेकिन उसके बाद कार्यक्रम 31 जुलाई तक चला. इस दौरान महिला बंध्याकरण व पुरुष नसबंदी, अंतरा सूई के अलावे काॅपर-टी लगना था. जिले में पुरुष नसबंदी की संख्या मात्र सात है. आंकड़ा को देखने से स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी इसको लेकर जागरूक नहीं रहे. बिहार सरकार विश्व जनसंख्या दिवस जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर लाखों रुपये खर्च कर रही है लेकिन पखवारा में मिले जिले का लक्ष्य 930 था. 31 जुलाई तक यह संख्या 327 तक सिमट कर रह गया.
यानी जिले में लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 35 प्रतिशत ही सफलता मिली. जागरूकता के लिए जागरूकता रथ रवाना हुआ था ताकि गांव-गांव पहुंच लोगों के बीच विश्व जनसंख्या दिवस जनसंख्या स्थितिकरण के बारे में जानकारी दें सके. परिवार नियोजन जिला समन्वयक पंकज कुमार मिश्र ने इस बाबत बताया कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी योग्य दंपति, पुरुष नसबंदी और महिला बंध्याकरण के लाभ को सही तरीके से समझा नहीं पा रहे हैं. परिवार कल्याण परामर्श मो. कलीम अख्तर ने कहा कि दवा की कमी के कारण बंध्याकरण में काफी परेशानी हुई.