बक्सर : कृषि विभाग ने किसानों के बेहतर विकल्प की तैयारी शुरू कर दी है. बारिश नहीं होने से किसानों के खेतों में खरीफ फसल की रोपनी नहीं हो पाने की स्थिति में भरपाई को लेकर कार्य योजना बनायी है. जिन खेतों में पानी की वजह से खरीफ फसल व धान की रोपनी नहीं होगी. उन खेतों में अरहर, बाजरा, तोरी, आलू, सब्जी आदि फसलों को लगाने की कार्य योजना बनाकर राज्य सरकार को भेजा गया है. राज्य सरकार से अनुमोदन के बाद कार्य योजना को अमलीजामा पहनाया जायेगा.
इस कार्य योजना के संचालन से किसानों को खरीफ में लगे घाटे की भरपाई हो सकेगी. जिले में एक लाख हेक्टेयर भूमि में धान रोपनी का लक्ष्य रखा गया है लेकिन अब तक रोपनी का कार्य महज 12.73 प्रतिशत ही हो पाया है. कार्यक्रम संबंधित योजना का लाभ विभाग से पंजीकृत किसानों को ही मिलेगा. इसकी जानकारी जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णानंद चक्रवर्ती ने दी.
कार्य योजना से किसानों को होगा फायदा : किसानों को होनेवाली घाटे की भरपाई के लिए विभाग ने योजना तैयार की है. किसानों को इसके लिए विभाग से मुफ्त में बीज उपलब्ध कराये जायेंगे, जिससे धान से होनेवाली घाटे को काफी हद तक कम किया जा सके. कार्य योजना का संचालन पटना से अनुमोदन के बाद होगा.
इसके साथ ही 110 एकड़ खेत में किसानों के लिए विभाग ने धान का बिचड़ा तैयार किया है. धान का बिचड़ा किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से उपलब्ध कराया जायेगा, जिसके लिए किसानों को एक हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से विभाग को पैसे से देने होंगे. विभाग पुन: उस पैसे को अनुदान के रूप में किसानों को खाते में उपलब्ध करा देगा.
प्रखंडवार हुई है रोपनी
प्रखंड लक्ष्य रोपनी हेक्टेयर
बक्सर 7440 670
चौसा 7300 803
राजपुर 22060 3750
इटाढ़ी 17900 1790
डुमरांव 11000 1315
नावानगर 16000 2088
ब्रह्मपुर 10000 1000
केसठ 2100 380
चौगाईं 5000 835
सिमरी 1000 70
चक्की 200 30
कुल 100000 12731
आंकड़े विभाग से मिले हैं.