बक्सर : राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण एनसीईआरटी छठी की सभी पाठ्यपुस्तकों में हेल्पलाइन और पोक्सों ई बॉक्स के संबंध में जानकारी प्रकाशित की है. जानकारी एनसीईआरटी की छठी से लेकर 12वीं कक्षा तक कि सभी पाठ्य पुस्तकों के पीछे के कवर में चाइल्ड लाइन बच्चों के लिए हेल्पलाइन एवं पॉक्सो ई बॉक्स की जानकारी […]
बक्सर : राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण एनसीईआरटी छठी की सभी पाठ्यपुस्तकों में हेल्पलाइन और पोक्सों ई बॉक्स के संबंध में जानकारी प्रकाशित की है. जानकारी एनसीईआरटी की छठी से लेकर 12वीं कक्षा तक कि सभी पाठ्य पुस्तकों के पीछे के कवर में चाइल्ड लाइन बच्चों के लिए हेल्पलाइन एवं पॉक्सो ई बॉक्स की जानकारी शामिल की गयी है.
इसके माध्यम से शिक्षक और अभिभावक बच्चों से जुड़ी आपातकालीन समस्याओं से निबटने के लिए तत्काल संपर्क कर सकेंगे. सुरक्षा व शिकायतों के संबंध में जानकारी से बच्चों को लैस करने के लिए महिला और बाल विकास मंत्रालय ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय और एनसीईआरटी से इस सूचना को प्रकाशित करने का अनुरोध किया था. एनसीईआरटी को भी सलाह दी गयी है कि इस मुद्दे पर सामाजिक विज्ञान की पुस्तक में भी अध्याय हो सकता है. यह जानकारी 12 वीं कक्षा तक की दी जा सकती है.
क्या है चाइल्ड लाइन 1098 : चाइल्ड लाइन 1098 परेशानी में पड़े बच्चों के लिए 24 घंटे की मुफ्त राष्ट्रीय आपात सेवा है. चाइल्ड हेल्पलाइन देश के सैकड़ों स्थानों पर काम कर रही है. अप्रैल 2016 से मार्च 2017 के दौरान चाइल्डलाइन को एक करोड़ 45 लाख, जबकि अप्रैल से नवंबर 2017 के दौरान 78 लाख कॉल प्राप्त हुए. चाइल्डलाइन परेशानी में पड़े बच्चों को टेली काउंसेलिंग या शारीरिक रूप से छुड़ाकर सहायता प्रदान करती है.
क्या है पॉक्सो ई-बॉक्स : पॉक्सो ई-बॉक्स बच्चों के खिलाफ यौन अपराध की आसान और प्रत्यक्ष जानकारी देने और अपराधी के खिलाफ पोक्सो कानून 2012 के अंतर्गत समय पर कार्रवाई करने के लिए ऑनलाइन शिकायत प्रबंध प्रणाली है. पॉक्सो ई-बॉक्स की शुरुआत मेनका संजय गांधी ने 26 अगस्त 2016 को की थी.