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मार्केट रेट से ज्यादा कीमत पर हो रही दवा की खरीद

बक्सर : वगैर टेंडर निकाले ही जिला राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा लाखों रुपये मूल्य की दवा खरीद करने के लिए वर्क ऑर्डर दे दिये जाने का मामला प्रकाश में आया है. वहीं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत दवा की खरीदारी पटना के गौतम बुद्धा संजीवनी लाइफ एवं स्न्गिध इंटरप्राइजेज से करने के लिए […]

बक्सर : वगैर टेंडर निकाले ही जिला राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा लाखों रुपये मूल्य की दवा खरीद करने के लिए वर्क ऑर्डर दे दिये जाने का मामला प्रकाश में आया है. वहीं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत दवा की खरीदारी पटना के गौतम बुद्धा संजीवनी लाइफ एवं स्न्गिध इंटरप्राइजेज से करने के लिए समिति के सचिव के द्वारा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देशित कर दिया गया है. दिलचस्प बात तो यह है कि पटना की उक्त तीनों कंपनियों को समिति के द्वारा 46 प्रकार की दवाओं का जो वर्क ऑर्डर दिया गया है. उसमें कई दवाओं की कीमत मार्केट रेट से 30 से 40 प्रतिशत अधिक है.

इस मामले को लेकर शहर के गोलंबर के रहनेवाले सामाजिक कार्यकर्ता बनक्टेश्वर के द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति के द्वारा करीब 30 लाख रुपये मूल्य के खरीद करने के लिए दिये गये वर्क ऑर्डर पर सवाल खड़ा करते हुए इस मामले की जांच कराने की मांग उच्च अधिकारियों एवं केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे को एक प्रति भेजकर की है. सामाजिक कार्यकर्ता ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि सर्जिकल ग्लव्स मार्केट में 16 से 18 रुपये प्रति पीस है. वहीं समिति के वर्क ऑर्डर में गौतम बुद्धा से खरीद करने के लिए 21 रुपये दिये गये. जबकि प्लास्टिक अपरन का मार्केट रेट 300 रुपये में आसानी से मिल जाता है.

वहीं इसका दर समिति के द्वारा 370 रुपये रखा गया है. हालांकि इस तरह के कई ऐसी दवाओं का वर्क ऑर्डर दिया गया है, जिसका मार्केट रेट से कहीं ज्यादा कीमत में खरीद की जा रही है.सरकार के द्वारा सख्त निर्देश है कि दस लाख से ऊपर की दवा खरीद करने पर समिति के द्वारा टेंडर निकाला जायेगा.

इसके बाद टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जिस कंपनी का रेट कम रहेगा उससे ही दवा की खरीद की जायेगी़स्वास्थ्य विभाग में दवाओं की आपूर्ति राज्य की ओर नामित संस्था बीएमएसआईसीएल ही बिहार के सभी सदर अस्पतालों में आपूर्ति करती है. अगर इस कंपनी के एग्रीमेंट में जो दवा प्राप्त नहीं है. वैसी दवा की खरीद अगर अस्पतालों में करनी है तो सबसे पहले इस कंपनी से नो आॅबजेक्शन सर्टिफिकेट लेने के बाद ही दवा की खरीद की जा सकती है.

हमलोग मार्केट रेट का आकलन नहीं करते
हम लोग मार्केट रेट का आकलन नहीं करते हैं. टेंडर में जो भी कंपनी या फाॅर्म टेंडर डालता है तो सबसे कम कीमतवाले फाॅर्म को वर्क आॅर्डर दे दिया जाता है.
धीरेंद्र ठाकुर, प्रभारी सिविल सर्जन,बक्सर

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