बक्सर : प्राचीन समय से ही बिहार अपनी सभ्यता, संस्कृति, सांस्कृतिक विरासत, परंपरा, धर्म और भौगोलिक विशेषताओं के लिए जाना जाता है. जबकि दूसरी ओर यह पुरुष वादी राज्य के रूप में भी जाना जाता है. पहले महिलाएं घरों की चहारदीवारी तक ही सीमित रहती थीं और उनको सिर्फ पारिवारिक जिम्मेदारियों के लिए समझा जाता […]
बक्सर : प्राचीन समय से ही बिहार अपनी सभ्यता, संस्कृति, सांस्कृतिक विरासत, परंपरा, धर्म और भौगोलिक विशेषताओं के लिए जाना जाता है. जबकि दूसरी ओर यह पुरुष वादी राज्य के रूप में भी जाना जाता है. पहले महिलाएं घरों की चहारदीवारी तक ही सीमित रहती थीं और उनको सिर्फ पारिवारिक जिम्मेदारियों के लिए समझा जाता था.
उन्हें अपने अधिकारों और विकास से अनभिज्ञ रखा जाता था. लेकिन समय के साथ ही महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है, साथ ही यह साबित किया है कि अगर उन्हें मौका मिले तो किसी भी क्षेत्र में वो पुरुषों से कमतर नहीं हैं. जब तक महिलाएं सम्मान के साथ
नारी सशक्तीकरण से…
स्वावलंबन की दिशा में अग्रसर नहीं होंगी एक समर्थ और सशक्त बिहार की परिकल्पना संभव नहीं हो सकती. समाज के विविध क्षेत्रों में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ रही है लेकिन घरेलू हिंसा और नारी उत्पीड़न जैसी घटनाओं के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ा सवाल है. बिहार दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित परिचर्चा में महिलाओं ने अपने विचारों से राज्य में नारी सशक्तीकरण को साकार रूप देने की प्रतिबद्धता दिखायी.
उन्होंने कहा कि सम्मान की शुरुआत घर से होनी चाहिए तब जाकर सामाजिक व्यवस्थाओं में महिलाओं की सहभागिता बढ़ेगी. सिर्फ शैक्षणिक योग्यता के आधार पर नहीं बल्कि नारी के अंदर व्याप्त गुणों के आधार पर समाज में उन्हें स्थान मिले. महिलाओं के उत्थान के लिए व्यापक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हो. स्थानीय जनप्रतिनिधियों व घरेलू महिलाओं ने दहेज प्रथा को जड़ से मिटाने के लिए सरकार द्वारा उठाये गये कदम की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस कुरीति को मिटाने के लिए मानसिकता में भी बदलाव लाना होगा.
महिलाओं का उत्थान कैसे हो पर
प्रभात खबर की परिचर्चा
शराबबंदी की महिलाओं ने की प्रशंसा
परिचर्चा में महिलाओं ने बिहार में पूर्ण शराबबंदी की प्रशंसा की.कामकाजी, गृहिणी, जनप्रतिनिधि सहित उपस्थित छात्राओं ने इसके लिए नीतीश सरकार को धन्यवाद दिया. महिलाओं ने कहा कि बिहार में शराबबंदी होने के बाद उनकी जीवनशैली में सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. अब लोग शराब से तौबा करने लगे हैं.
महिलाएं घर में प्रताड़ित नहीं हो रही हैं. मर्द अपनी पूरी कमाई पत्नी के हाथ में रखने लगे हैं.उपस्थित महिलाओं ने कहा कि सरकार को शराबबंदी पर और नकेल कसने की आवश्यकता है. आज भी चोरी छिपे शराब की बिक्री हो रही है.जिस पर लगाम लगाने की आवश्यकता है.सरकार शराब को लेकर और कड़े कानून बनाये.शराब बेचने वाले व पीने वाले दोनों को बराबर की सजा मुहैया कराये.महिलाओं ने कहा कि शराब को लेकर राजनीति करने वाले अपने राजनीतिक भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है. सभी राजनीतिक दलों को चाहिए कि वो शराबबंदी का तहेदिल से स्वागत करें.