बक्सर : खुले में शौच से मुक्त होनेवाली पंचायतों के नागरिक गर्व से कहें कि हम उस पंचायत के नागरिक हैं, जो खुले में शौच से मुक्त है. राज्य सरकार खुले में शौचमुक्त होनेवाली पंचायतों को पुरस्कृत करेगी, ताकि अन्य पंचायतों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़े. जिले में 11 प्रखंड हैं, जिसमें से केसठ प्रखंड पूरी […]
बक्सर : खुले में शौच से मुक्त होनेवाली पंचायतों के नागरिक गर्व से कहें कि हम उस पंचायत के नागरिक हैं, जो खुले में शौच से मुक्त है. राज्य सरकार खुले में शौचमुक्त होनेवाली पंचायतों को पुरस्कृत करेगी, ताकि अन्य पंचायतों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़े. जिले में 11 प्रखंड हैं, जिसमें से केसठ प्रखंड पूरी तरह से ओडीएफ घोषित हो चुका है.
जबकि 47 पंचायतें भी खुले में शौच से मुक्त हो चुकी हैं. राज्य सरकार द्वारा इन पंचायतों के लिए अतिरिक्त राशि भी स्वीकृत कर दी गयी है. जिनसे वे विकास योजनाओं का कार्य करा सकती हैं. जिले को पूर्ण रूप से ओडीएफ घोषित कराने को लेकर जिला प्रशासन हर तरह का कार्य कर रहा है, ताकि जिला पूर्ण रूप से ओडीएफ घोषित हो सके.
अतिरिक्त राशि गली, नली व पेयजल की योजनाओं पर होगी खर्च : प्रखंड की ओडीएफ हो चुकी पंचायतों में अतिरिक्त राशि भेजी जा रही है. इस राशि से विकास में मदद मिलेगी. अतिरिक्त फंड का इस्तेमाल गली, नली और पेयजल की समस्याओं पर खर्च किया जायेगा. चार पंचायतों को यह जल्द ही राशि भेजी जायेगी. इसके साथ ही ओडीएफ पंचायत में जाने पर आपका स्वागत का स्लोगन लिखा हुआ मिलेगा. बैनर पर पंचायत के नाम के साथ-साथ पूर्ण रूप से खुले में शौच से मुक्त हुआ स्लोगन लिखा हुआ होगा.
जिले में केसठ प्रखंड ही हुआ ओडीएफ : जिले का सबसे छोटा प्रखंड केसठ है. इस प्रखंड में तीन पंचायतें हैं. जिनका नाम केसठ, रामपुर तथा कतिकनार है. यह प्रखंड पूर्ण रूप से ओडीएफ घोषित हो चुका है. दिसंबर 1994 में नावानगर से अलग कर केसठ प्रखंड बनाया गया था. जिले के 11 प्रखंडों में से केवल केसठ प्रखंड ही अब तक पूर्ण रूप से खुले में शौच से मुक्त घोषित हो चुका है.