डीएम ने एसडीओ और सभी सीओ को अलर्ट रहने का दिया निर्देश
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प्रति घंटा चार सेंटीमीटर बढ़ रहा गंगा का जल स्तर
डीएम ने एसडीओ और सभी सीओ को अलर्ट रहने का दिया निर्देश बक्सर : लगातार हो रही बारिश से गंगा के जल स्तर में काफी वृद्धि हुई है. इससे बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. बाढ़ से निबटने को लेकर जिला प्रशासन ने सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं. जिलाधिकारी रमण कुमार ने सभी एसडीओ […]
बक्सर : लगातार हो रही बारिश से गंगा के जल स्तर में काफी वृद्धि हुई है. इससे बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. बाढ़ से निबटने को लेकर जिला प्रशासन ने सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं. जिलाधिकारी रमण कुमार ने सभी एसडीओ और सीओ को अपने-अपने क्षेत्र में अलर्ट रहने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही तटबंधों की भी चौकसी बढ़ा दी गयी है. गंगा के जल स्तर में प्रतिदिन वृद्धि हो रही है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. पानी बढ़ने का सिलसिला पिछले सप्ताह से शुरू हो गया है. इसके लिए नाव को भी तैयार रखा गया है, ताकि बाढ़ से ग्रस्त होने वाले इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर समयानुसार पहुंचाया जा सके. राहत और बचाव कार्य को लेकर एसडीआरएफ की टीम को भी तैयार रखा गया है.
सभी अधिकारियों को जारी हुआ हाइ अलर्ट: बाढ़ से निबटने के लिए जिलाधिकारी ने सभी एसडीओ और सीओ को 24 घंटा अलर्ट रहने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि जैसे ही जल स्तर में वृद्धि की सूचना मिले, तुरंत वरीय अधिकारियों को बतायें, ताकि पीड़ित परिवारों तक राहत सामग्री पहुंचायी जा सके. इसके साथ ही बाढ़ पीड़ित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया है. जल स्तर की वृद्धि रफ्तार चार सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हो रही है. जबकि केंद्रीय जल आयोग प्रति घंटा पांच सेंटीमीटर वृद्धि का अनुमान बता रहा है.
बाढ़ पूर्व तैयारियों में स्वास्थ्य विभाग भी जुटा: डीएम के निर्देशानुसार जिला स्वास्थ्य विभाग बाढ़ से उत्पन्न होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निबटने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है. लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए चिह्नित इलाकों के लिए अलग-अलग मेडिकल टीमें गठित की जा रही है. बाढ़ के दौरान संभावित बीमारियों के इलाज के लिए पूर्व के अनुभवों के आधार पर ओआरएस, पांच प्रतिशत ग्लूकोज स्लाइन, एनएस, कॉटन, स्प्रिट, सर्पदंश के उपचार के लिए एएसवीएस, नवजात शिशुओं के लिए टीकाकरण की व्यवस्था, गर्भवती महिलाओं की डिलिवरी किट, मैटरनिटी हट, कुत्ता, सियार काटने के उपचार के आदि जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है.
13 पंचायतों में बाढ़ मचाती है तबाही
जिले के करीब तेरह पंचायतों में बाढ़ अपना तांडव दिखाती है. बाढ़ के कई इलाकों में संसाधनों के अभाव में प्रशासन के अधिकारी पीड़ितों तक नहीं पहुंच पाते हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने इस बार 125 नावों का टेंडर किया है. वहीं बाढ़ आपदा के दौरान पीड़ितों के बीच सूखा भोजन जैसे चूड़ा, गुड्ड, सत्तू आदि का वितरण किया जाता है. जो अधिक दिनों तक खराब नहीं होता है. साथ ही आसानी से पीड़ितों तक पहुंचाया जा सकता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने इसका भी टेंडर कर दिया है.
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