Advertisement
स्टेशन पर नहीं लगे सीसीटीवी कैमरे
जीआरपी-आरपीएफ को होती है परेशानी रेलवे की सुरक्षा सवालों में, निर्भया फंड के 50 लाख फांक रहे हैं धूल बक्सर : पिछले एक साल के दौरान दानापुर रेल मंडल के बक्सर जिला सीमा में कई रेल हादसे देखने को मिले हैं. इनमें से कुछ में नक्सलियों के हाथ होने की बात भी सामने आयी है. […]
जीआरपी-आरपीएफ को होती है परेशानी
रेलवे की सुरक्षा सवालों में, निर्भया फंड के 50 लाख फांक रहे हैं धूल
बक्सर : पिछले एक साल के दौरान दानापुर रेल मंडल के बक्सर जिला सीमा में कई रेल हादसे देखने को मिले हैं. इनमें से कुछ में नक्सलियों के हाथ होने की बात भी सामने आयी है. पिछले साल 13 मई को 63240 डाउन मुगलसराय-बक्सर सवारी गाड़ी में पवनी कमरपुर के आसपास बिहार-यूपी की सीमा पर अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर जीआरपी स्काॅर्ट पार्टी के जवान अभिषेक की हत्या कर दी थी और दूसरे जवान नंदलाल यादव को घायल कर दोनों की इंसास रायफल लूट ली थी. जिसमें कुख्यात नक्सली संतोष पासवान के हाथ होने की आशंका जाहिर की गयी थी.
इस वर्ष 6 फरवरी को वाराणसी से सियालदह जा रही अपर इंडिया एक्सप्रेस ट्रेन को उड़ाने के उद्देश्य से बम ब्लास्ट किया गया. फिर 9 अप्रैल को राजधानी एक्सप्रेस में यात्रियों से लूटपाट की गयी थी. इसके कुछ ही दिनों बाद 15483 अप महानंदा एक्सप्रेस में यात्रियों से लूटपाट के दौरान अपराधियों ने एक युवक को चाकू मार दिया था. इस हमले ने रेलवे सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को एक बार फिर उजागर किया. जहां रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए जारी फंड के 50 लाख रुपये धूल फांक रहे हैं.
एक हजार स्टेशनों में शामिल था बक्सर
वरिष्ठ रेल अधिकारियों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने देश भर में भारी भीड़-भाड़ वाले कुल एक हजार रेलवे स्टेशनों और प्रमुख ट्रेनों को निगरानी के दायरे में लाने के लिए प्रत्येक के लिए 50 लाख रुपये आवंटित किये थे. हालांकि करीब इनमें से 95% स्टेशनों और ट्रेनों पर अब तक सीसीटीवी कैमरे नहीं लग पायें हैं, जिससे किसी संदिग्ध गतिविधि को पकड़ पाना मुश्किल है. बक्सर स्टेशन पर भी निर्भया फंड से कैमरे नहीं लग पाये.
एक वर्ष में आये 40 से अधिक मामले: सूत्रों के मुताबिक, स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा निर्भया फंड से जारी 50 लाख रुपयों का अब तक कोई इस्तेमाल नहीं किया गया है.
वह भी तब, जबकि साल 2016-17 में रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों की सुरक्षा में खतरे के 40 से अधिक मामले अब तक सामने आ चुके हैं. इसी महीने पैसेंजर ट्रेन में चढ़ते समय एक महिला का मंगलसूत्र उचक्कों ने उड़ा लिया था.
सुरक्षा बढ़ाने का दावा करते हैं अधिकारी: रेल अधिकारियों का कहना है कि रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी है. लेकिन निगरानी कैमरों की गैरमौजूदगी में यह नाकाफी ही साबित हो रहा है.
वर्तमान में सिर्फ A1 और A श्रेणी के स्टेशनों पर ही सीसीटीवी कैमरे लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी. बक्सर स्टेशन भी ए श्रेणी के दायरे में आता है. जबकि इस स्टेशन पर निगरानी सिस्टम नदारद हैं. बता दें कि देश भर में करीब 8,000 रेलवे स्टेशन हैं, जिनमें से महज 75 स्टेशन ए1 श्रेणी, तथा करीब 320 स्टेशन ए श्रेणी में आते हैं.
बक्सर में लगाये जाने हैं 23 कैमरे: सभी चयनित रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम वर्ष 2016 के अंत तक खत्म करने का टारगेट रखा गया था. बक्सर रेलवे स्टेशन पर 20 फिक्स्ड कैमरे लगाये जाने हैं. वहीं 3 मूवेबल कैमरे भी लगाये जाने हैं. जो आने जाने वाले लोगों पर निगरानी रखेंगे. सीसीटीवी कैमरों का इस तरह से उपयोग किया जायेगा. जिससे रेलवे स्टेशन का 80 प्रतिशत एरिया कवर हो जायेंगे. इनमें प्लैटफॉर्म, रेलवे एंट्री, रेलवे का टिकटिंग एरिया शामिल है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement