आरा : बेटे की सड़क दुर्घटना में मौत की खबर मिलते ही मृतकों के परिजन सदर अस्पताल पहुंच गये. अरविंद के शव को देखते ही उसके पिता जगन्नाथ प्रसाद को काठ मार गया. पूरा अस्पताल परिसर रोने की आवाज से गूंज उठा. इस दौरान पंकज के भी परिजन पहुंच गये थे, जो शव को देखते ही दहाड़ मारने लगे. परिजनों को क्या पता था कि मोपती बाजार गये दोनों लौट कर नहीं आयेंगे. सुबह जब दोनों घर से निकल रहे थे, तो परिजनों ने उन्हें टोका था. दोनों अपने मित्र संजीव को लाने के लिए जाने की बात कह कर निकल गये.
परिजनों को जब मौत की खबर मिली, तो सभी लोग आरा के लिए निकल पड़े और गांव में अफरातफरी का माहौल कायम हो गया. इधर, घटना के संबंध में ईमादपुर थाना प्रभारी प्रभात कुमार ने बताया कि घटना के बाद ही तुरंत युवकों को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बच पायी. उन्होंने बताया कि बाइक का अगला हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. बाइक को कब्जे में ले लिया गया है.
एक भी घर में नहीं जला चूल्हा : होली के त्योहार को लेकर पूरे गांव में जहां खुशियों का माहौल था, वहीं गांव के दो युवकों की मौत के बाद मातमी सन्नाटा पसर गया है. मौत की खबर मिलने के बाद गांव में एक भी चूल्हा नहीं जला. पूरा गांव गम में डूबा हुआ है. गांव के लोग इस घटना से हतप्रभ हैं. ग्रामीणों की मानें, तो हादसे में होली की खुशियां दहन हो गयीं.
हेलमेट पहने रहते, तो बच जाती जान : अगर बाइक सवार हेलमेट पहने होते, तो शायद उनकी जान बच सकती थी. पोस्टमार्टम के बाद चिकित्सकों ने बताया कि सिर में गंभीर चोट लगने से दोनों युवकों की मौत हुई है. मृतकों के गरदन से ऊपर ज्यादा चोटें लगी हैं.
इसके अलावा शरीर के अन्य हिस्सों में मामूली चोटें आयी हैं.
बेटों का शव देख पिता को मार गया काठ
मौत के साथ ही कई सपने हो गये दफन
हादसे में शिकार हुए पंकज और अरविंद दोनों ने इसी वर्ष इंटर की परीक्षा दी थी और रिजल्ट के इंतजार में थे. दोनों को उम्मीद थी कि रिजल्ट बेहतर आयेगा और अच्छे कॉलेज में दाखिला लेंगे. मृतकों के परिजनों ने बताया कि दोनों सरकारी नौकरी में जाना चाहते थे. पढ़ने में भी ठीक थे और परिवार को इन लोगों से काफी उम्मीदें थीं. दोनों की मौत से कई सपने दफन हो गये.
सूचना मिलते ही फूट फूट कर रो पड़ा संजीव
संजीव मोपती बाजार पर उतर कर पंकज व अरविंद का इंतजार कर रहा था, तभी दोनों दोस्तों के दुर्घटना में जख्मी होने की सूचना मिली. इसके बाद उसने अपना होश खो बैठा और दौड़ते हुए सदर अस्पताल पहुंचा, पर वहां डॉक्टरों ने जैसे ही दोनों दोस्तों की मौत की सूचना दी, वह जार-जार रोने लगा. देखते ही देखते लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गयी. जैसे- जैसे सूचना फैलती गयी, लोग सदर अस्पताल पहुंचते गये.
‘दोस्ती में चली गयी दोस्तों की जान’
हादसे के बाद सदर अस्पताल पहुंचे मृतकों का दोस्त संजीव फूट-फूट कर रोने लगा. संजीव पटना में रह कर पढ़ाई करता है और होली की छुट्टी में घर आ रहा था. इसकी जानकारी पंकज और अरविंद को उसने फोन पर दिया था. दोनों बाइक लेकर मोपती बाजार उसे रिसीव करने के लिए आ रहे थे, पर होनी को कुछ और ही मंजूर था. फूट-फूट कर रोते हुए संजीव बार-बार यही कह रहा था ‘दोस्ती के कारण दोस्तों की जान चली गयी’.