आरा : आरा नगर निगम का वार्ड 30 अब विकास के डगर पर लंगड़ाता ही चल रहा है. गलियों एवं नालियों के हालात वैसे नही दिख रहे हैं, जैसा निगम प्रशासन, जिला प्रशासन तथा वार्ड आयुक्त द्वारा दावा किया जा रहा है़ हालांकि पैसा खर्च करने के मामले में यह दावा लगभग सही है़ पर पैसा कहां खर्च हुआ, यह वार्डवासियों के लिए एक पहेली की तरह है़
गलियों या नालियों की नियमित सफाई की बात हो, हर घर को नल के पानी की बात हो या घर-घर से कूड़ा लेने की बात, नालियों एवं गलियों के पक्कीकरण पर खर्च की गयी राशि के अनुरूप उनके स्तर की बात हो, सभी निर्धारित मानदंड के अनुरूप नही है़ निगम एवं प्रशासन दोनों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहा है़ वार्ड वार्डवासियों को निगम एवं प्रशासन, दोनों की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है़ विकास कार्यों की गति जहां काफी धीमी है,
वहीं प्रशासनिक महकमे द्वारा किये जानेवाले कार्य की स्थिति भी दयनीय है़ पीने के लिए जलमीनार नहीं है, तो सबमरशिबल योजना भी खटाई में है़ पेंशन योजना के तहत महज 100 लोगों को ही पेंशन मिल रही है, जिसमें वस्था, नि:शक्तता एवं लक्ष्मीबाई पेंशन शामिल है़ शिक्षा के लिए महज एक विद्यालय है़
दम तोड़ रही हैं कई योजनाएं : सरकार की हर बच्चे को शिक्षा योजना, घर-घर से कचरा लेने की योजना, खाद्य सुरक्षा गारंटी योजना, राशन, केराेसिन योजना, शुद्ध पेयजल योजना सहित कई योजनाएं इस वार्ड में दम तोड़ रही हैं. इस कारण वार्डवासी काफी परेशान हैं. वार्ड में पड़नेवाले मुहल्ले रामगढिया, कबीरगंज, छजनगंज-भलुहीपुर, अबरपुल आबादी 15 हजार पर विद्यालय मात्र दो़ शिक्षा के नाम पर वार्ड में मात्र दो विद्यालय हैं. एक प्राथमिक विद्यालय जो निजी घर में चलता है. अब तक उसे अपना भवन एवं जमीन नहीं है़ दूसरा उर्दू विद्यालय इसका बच्चों के भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसे सहज ही समझा जा सकता है़
सड़कों व गलियों की नहीं होती है नियमित सफाई
सड़कों एवं नालियों की नियमित सफाई नहीं की जाती है़ इससे मच्छरों का प्रकोप तो रहता ही है, संक्रामक बीमारियों के फैलने का भय भी हमेशा बना रहता है़ शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती है़
शंभुनाथ केसरी, वार्डवासी
पेंशन नहीं मिलती है़ कितनी बार कार्यालयों के चक्कर काटने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती है़ वार्ड आयुक्त द्वारा भी सहयोग नहीं किया जाता है़ रिटायर आदमी होते हुए भी पेंशन के लिए काफी परेशानी झेल रहा हूं.
दशरथ प्रसाद, वार्डवासी
वार्ड में शुद्ध पीने के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है़ इससे संक्रामक रोग फैलने का भय बना रहता है़ चापाकल भी बहुत कम संख्या में लगाये गये हैं. गरीबों के लिए काफी कठिनाई हो रही है़
अमित कुमार शर्मा, वार्डवासी
वार्ड में काफी कार्य कराया गया है़ काफी संख्या में स्ट्रीट लाइटें भी लगवायी गयी है़ं गलियों एवं नालियों की नियमित सफाई करायी जाती है़ पेंशन के लिए आवेदन अग्रसारित कर प्रखंड में भेजा जाता है, पर वहां कार्रवाई करने में काफी विलंब किया जाता है.
अनिता देवी, वार्ड आयुक्त
सड़कें एवं गलियां बनती तो हैं, पर खराब होने में भी समय नहीं लगता है़ निर्माण व मरम्मत में बहुत गड़बड़ी की जाती है़ शिकायत करने पर कहीं कोई सुनवाई नहीं होती है. संवेदक व अधिकारी मिले हुए हैं.
पंकज कुमार, वार्डवासी
हमारे वार्ड में शिक्षा का हाल बहुत ही बदतर है़ बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है़ छोटे बच्चे दूर पैदल चल कर दूसरे वार्ड में पढ़ाई के लिए जाने को मजबूर है़ं सरकार का दावा फेल हो रहा है़
रमेश प्रसाद, वार्डवासी
मुहल्लों में डीडीटी का छिड़काव नहीं कराया जाता हैं. फॉगिंग मशीन से भी मच्छरों से बचाव के लिए उपाय नहीं किया जाता है़ इससे परेशानी हो रही है़ कागजों में करोड़ों खर्च किये जा चुके हैं, पर दिखायी नहीं दे रहा है़
कुंदन कुमार, वार्डवासी
कई योजनाओं पर कार्य चल रहा है. वहीं, कई योजनाएं पूरी कर ली गयी हैं. वार्ड आयुक्त की सिफारिश पर त्वरित कार्रवाई की जाती है. कहीं से भी समस्याओं की जानकारी मिलती है, तो निराकरण किया जाता है.
प्रमाेद कुमार, नगर आयुक्त