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दर्जनों झोंपड़ियां बहीं, कई जमींदोज
आपदा. तेजी से बढ़ रहा गंगा का जल स्तर, बाढ़ बना विकराल तीन लाख 19 हजार की आबादी कुप्रभावित शाहपुर और बड़हरा प्रखंड के लोग हैं भयभीत आरा/शाहपुर : गंगा नदी के जल स्तर में तेजी से हो रही वृद्धि के बाद बाढ़ अब प्रलयंकारी रूप लेता जा रहा है. इसके कारण बड़हरा, शाहपुर प्रखंड […]
आपदा. तेजी से बढ़ रहा गंगा का जल स्तर, बाढ़ बना विकराल
तीन लाख 19 हजार की आबादी कुप्रभावित
शाहपुर और बड़हरा प्रखंड के लोग हैं भयभीत
आरा/शाहपुर : गंगा नदी के जल स्तर में तेजी से हो रही वृद्धि के बाद बाढ़ अब प्रलयंकारी रूप लेता जा रहा है. इसके कारण बड़हरा, शाहपुर प्रखंड के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के लोगों में भय और दहशत का वातावरण व्याप्त हो गया है.
बड़हरा के नेकनाम टोला, बलुआ, नरगदा, सिन्हा, गजियापुर, नथमलपुर, फरना, एकौना, बबुरा, सोहरा, महुली, मौजमपुर सहित सभी पंचायतों के करीब एक लाख 44 हजार की आबादी पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गयी है. वहीं, शाहपुर प्रखंड में भी बाढ़ के पानी के लगातार बढ़ने से लोग भयभीत हैं.
इसी तरह कई गांवों के घरों में पानी भरता जा रहा है और लोगों का पलायन बड़ी संख्या में हो रही है. फिलहाल दर्जनों गांवों के हजारों घरों में बाढ़ का पानी भर चुका है और सभी गांवों की फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं. सैकड़ों परिवार ऊंचे स्थानों पर आश्रय लिये हुए हैं.
प्रखंड के करीब सभी पथों पर बाढ़ का पानी चढ़ चुका है, जिससे आवागमन बाधित है. लोगों के आने-जाने का नाव ही एकमात्र जरिया बचा है. दर्जनों फूस के घर बह गये हैं, जबकि कई झोंपड़ीनुमा घर बाढ़ के पानी में जमींदोज हो चुके हैं. इन घरों में रहनेवाले परिवार सरकार द्वारा चलाये जा रहे राहत शिविरों में शरण लिये हुए हैं.
बाढ़ग्रस्त इलाकों में बीमारी की चपेट में आनेवाले लोगों के इलाज में चिकित्सकों का दल जुटा हुआ है. सभी बाढ़ग्रस्त पंचायतों में पर्यवेक्षकों एवं सरकारी कर्मचारियों की प्रतिनियुक्त की गयी है, जिन्हें अपने क्षेत्रों में रहने का निर्देश जारी किया गया है. बहुत सारे परिवार अपने मवेशियों के साथ शाहपुर प्रखंड परिसर में शरण लिये हुए हैं और शरणार्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है.
कौन-कौन सी पंचायतें हैं बाढ़ग्रस्त : भयंकर बाढ़ के कारण प्रखंड के कुल 20 पंचायतें एवं शाहपुर नगर पंचायत भी आंशिक रूप से कुप्रभावित है. सबसे बुरा हाल दामोदरपुर, लाक्षुटोला, बहोरनपुर, लालू के डेरा, बरिसवन, गौरा, करजा, सुहियां, देवमलपुर, सरना, भरौली, सहजौली, हरिहरपुर, सेमरियां, डुमरियां, झौवां-बेन वलिया, ईश्वरपुरा, प्रसौंडा तथा खुटहा पंचायतों का है. प्रशासन द्वारा अब तक लगभग एक दर्जन से ज्यादा पंचायतों को बाढ़ग्रस्त घोषित किया गया है.
प्रशासन ने किया अलर्ट : इंद्रपुरी बराज से सोन नद में आज शुक्रवार की देर रात आठ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है तथा कल शनिवार को भी छोड़ा जायेगा. इसको लेकर प्रशासन ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्र के लोगों को अलर्ट किया है. साथ ही राहत व बचाव कार्य में जुटे अिधकािरयों व कर्मियों को भी तत्पर रहने का आदेश दिया है.
यहां चल रहा राहत कैंप
शाहपुर प्रखंड में बाढ़पीड़ितों के लिए फिलहाल सात स्थानों पर राहत कैंप चलाया जा रहा है, जिसमें दामोदरपुर बांध पर, गौरा बांध पर, लाक्षुटोला बांध पर, माधोपुर विद्यालय पर, जवइनियां बांध पर तथा शाहपुर प्रखंड परिसर में राहत शिविर चलाया जा रहा है, जिसमें सैकड़ों लोगों के भोजन का इंजताम कर मेनू के अनुसार खाना खिलाया जा रहा है. सभी पीड़ित परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर पॉलीथिन सीट व टेंट लगा कर दिया गया है. सभी राहत शिविरों में चिकित्सकीय दल को रखा गया है.
सात जगहों पर चल रहा लंगर
बाढ़ से तबाह हो रहे गांवों का निरीक्षण करने के पश्चात एसडीएम बालमुकुंद प्रसाद तथा डीसीएलआर कुमार रवींद्र ने बताया कि प्रखंड के बाढ़ग्रस्त इलाके के लोगों की सुविधा एवं आवागमन के लिए 47 स्थानों पर नावों का परिचालन कराया जा
रहा है तथा और नाव मंगाया गया है. वहीं, सात स्थानों पर राहत कैंप और लंगर चलाया जा रहा है. करीब एक हजार
बाढ़ से विस्थापितों के लिए पॉलीथिन सीट तथा 50 से ज्यादा टेंट उपलब्ध कराये गये हैं.
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