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पहली बारिश ने बिगाड़ी शहर की सूरत

आरा : माॅनसून की पहली बारिश ने आरा शहर की सूरत बिगाड़ कर रख दी. मंगलवार की शाम तेज आंधी व बारिश से जहां लोगों को भीषण गरमी से राहत मिली. वहीं झमाझम तेज बारिश से नगर निगम क्षेत्र के कई इलाकों में भारी जलजमाव हो गया. इससे लोगों को आने-जाने में काफी कठिनाइयों का […]

आरा : माॅनसून की पहली बारिश ने आरा शहर की सूरत बिगाड़ कर रख दी. मंगलवार की शाम तेज आंधी व बारिश से जहां लोगों को भीषण गरमी से राहत मिली. वहीं झमाझम तेज बारिश से नगर निगम क्षेत्र के कई इलाकों में भारी जलजमाव हो गया. इससे लोगों को आने-जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि दूसरी ओर बारिश से किसानों के मुरझाये चेहरे खिल उठे हैं. धान का बिचड़ा डालने के लिए किसान काफी परेशान थे लेकिन इस बारिश ने उनकी उम्मीदों को बल दे दिया है. परंतु इधर तेज बारिश के साथ ही ठनका गिरने से आधा दर्जन लोगों के मरने की भी खबर है.

कई इलाकों में जलजमाव से आवागमन कुप्रभावित : तेज बारिश से लोगों को जहां ऊमस भरी गरमी से राहत मिली. वहीं बारिश से नगर निगम क्षेत्र के कई इलाकों में भारी जलजमाव हो गया.

मुख्य सड़कों पर नाले का कीचड़युक्त गंदा पानी पसर गया है. इसके कारण वाहनों व आम राहगीरों को आने-जाने में भारी समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि नालियों की साफ-सफाई नहीं होने से जलजमाव हुआ है. अगर बारिश के पूर्व ही नालियों की सही तरीके से साफ-सफाई हुई होती, तो यह स्थिति नहीं होती. शहर के सदर अस्पताल रोड, शिवगंज, क्षत्रिय स्कूल, न्यू पुलिस लाइन, चंदवा, बड़ी मठिया, बस स्टैंड, गोपाली चौक आदि स्थानों में भारी जलजमाव की स्थिति है.

क्या कहते हैं शहरवासी

करमन टोला निवासी त्रिलोकी कुमार का कहना है कि नगर निगम द्वारा टैक्स तो बढ़ा दिया गया है, लेकिन सुविधा गांव से भी बदतर है.

केजी रोड, नवादा निवासी कृष्णा जी का कहना है कि नगर निगम द्वारा बार-बार यही गलती दोहरायी जाती है. बरसात पूर्व नालों की सफाई नहीं किये जाने से गंदा पानी सड़कों पर पसर जाता है.बंधनटोला निवासी दिनेश कुमार का कहना है कि पहली ही बरसात में नगर निगम की पोल खुल गयी है. चारों तरफ सड़कों पर पानी पसर गया है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पकड़ी मुहल्ला निवासी चितरंजन प्रसाद का कहना है कि आरा नगर निगम केवल नाम का ही निगम है. शहरवासियों को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं, लेकिन टैक्स देना पड़ रहा है.

क्या कहते हैं नगर आयुक्त

नगर आयुक्त प्रमोद कुमार का कहना हैं कि नगर निगम शहरवासियों को बेहतर सुविधा देने के लिए कटिबद्ध है. नगर निगम द्वारा साफ-सफाई युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है, ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो.

बारिश से किसानों के मुरझाये चेहरे खिले : माॅनसून की पहली बारिश किसानों के लिए सोने पर सुहागे के समान है. महीनों से किसानों के मुरझाये चेहरे खिल उठे हैं. पानी के अभाव में किसान अब तक खेतों में धान का बिचड़ा नहीं डाल पाये थे. लेकिन संभव है कि इस बारिश के बाद किसान धान का बिचड़ा डाल सकेंगे. यह बारिश मकई, अरहर व आम का बागीचा लगाने के लिए जीवनदायी है. कृषि वैज्ञानिक पीके द्विवेदी ने कहा कि बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. व्यावसायिक फसलों के साथ-साथ आम का बागीचा और पुराने लगे बागीचों के लिए अमृत हो गया.

ठनका गिरने से आधा दर्जन लोग मरे

मंगलवार को आयी तेज आंधी व बारिश के साथ ही ठनका गिरने से विभिन्न क्षेत्रों में आधा दर्जन लोगों व मवेशियों के मरने की सूचना मिली है, जबकि कई लोग जख्मी भी हुए हैं. मुफस्सिल थाना क्षेत्र के धुधुआ बसंतपुर गांव में मंगलवार की रात्रि ठनका गिरने से 45 वर्षीय अधेड़ की मौत हो गयी. वहीं बड़हरा थाना क्षेत्र के एकवना गांव के बधार में ठनका गिरने से लक्षुमण पासवान की 60 वर्षीया पत्नी सुनैना देवी की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी.

वहीं कोईलवर थाना क्षेत्र में चार भैंस की ठनका गिरने से मौत हो गयी. वहीं मुफस्सिल थाना क्षेत्र के हसनपुरा में ठनका गिरने से दो भैंस की जान चली गयी. वहीं जगदीशपुर में ठनका गिरने की वजह से आधा दर्जन पशुओं की मौत हो गयी, वहीं एक महिला भी जख्मी हो गयी. जबकि जगदीशपुर की दावा पंचायत के कोइलारा काली मंदिर के पास में ठनका गिरने से जहां मंदिर को क्षति पहुंची है, वहीं इसकी चपेट मे आने से मुंशी चौधरी, विमला कुंवर तथा काशी चौधरी की चार बकरियों की मौत हो गयी. जबकि जदुपत कुशवाहा की पत्नी मानती देवी गंभीर रूप से जख्मी हो गयी.

वहीं हलखोरी टोला बधार में ठनका गिरने के कारण मुक्ति यादव की दो भैंसों की मौत हो गयी.

योग गुरु बाबा रामदेव जी ने गत एक दशक में जिस प्रकार योग व आयुर्वेद को प्रचारित किये और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसे विश्वस्तरीय बनाने से आज आमलोगों में अपने स्वास्थ्य के प्रति काफी जागरूकता आयी है. इससे आरा शहर के वासियों पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है.

आरा : सुबह हो या शाम शहर के कम भीड़ वाली साफ-सुथरी सडकों, पार्कों, जिम आदि में भारी संख्या में लोगों को टहलते, योग या व्यायाम करते देखा जा सकता है. इसमें वृद्ध, महिला-पुरुष, युवक-युवतियां भी शामिल हैं. लेकिन आरावासियों के लिए निराशाजनक स्थिति यह है कि यहां सरकारी या निजी स्तर पर कोई व्यायामशाला नहीं है. हां पार्क के नाम पर एकमात्र सिर्फ रमना मैदान स्थित कुंवर सिंह पार्क हैं, जो आरा की इतनी बड़ी आबादी के लिए ऊंट के मुंह में जीरा के समान है. वहीं यहां निजी जिम की संख्या भी काफी हैं.

सुबह में सड़कों पर टहलनेवालों की उमड़ती है भीड़

शहर की चारों दिशाओं की साफ-सुथरी सड़कों पर प्रात: सुबह हर उम्र के महिला-पुरुषों की भीड़ उमड़ पड़ती है. लगता है कि एक साथ हजारों लोग किसी मेले को देखने जा रहे हैं. शहर का आरा-पटना मुख्य सड़क, आरा-सासाराम, आरा-बक्सर, आरा-सनदिया मार्ग, आरा बाइपास, धरहरा – कायमनगर सड़क यानी कहने का निगम क्षेत्र का हर मुख्य गली-मुहल्लों में टहलनेवालों के हुजूम को देखा जा सकता है.

45 वार्डों पर एकमात्र है पार्क

शहरवासियों के लिए यह काफी दुखद है कि नगर निगम अंतर्गत 45 वार्ड हैं, लेकिन इन सभी वार्डों के बीच सिर्फ एक ही सरकारी पार्क है कुंवर सिंह पार्क. इसे आरा का ऑक्सीजन बैंक कहते हैं.

वैसे तो लोगों द्वारा हर वार्ड में एक सरकारी पार्क निर्माण की मांग सालों से की जा रही है. लेकिन नगर निगम इस मामले में अब तक सुस्त नजर आती है. वहीं यहां एक भी सरकारी व्यायामशाला नहीं है. हां, निजी जिमों की संख्या अधिक है, जिसमें सिर्फ पैसेवाले ही जा पाते है. कुंवर सिंह पार्क की देखरेख करनेवाले बबलु जी ने बताया कि सुबह में पार्क सुबह पांच बजे से आठ बजे तक प्रवेश नि:शुल्क रहता है. इस समय में प्रतिदिन लगभग पांच हजार महिला-पुरुष टहलने आते हैं. वे यहां आकर योगा, कसरत या व्यायाम करते हैं.

क्या कहते हैं शहरवासी

कुंवर सिंह पार्क में टहलने आयी महादेवा की 80 वर्षीया कौशल्या देवी ने बताया कि मैं गत पांच वर्षों से टहलने आती हूं. थोडा टहल लेने से शरीर में फुर्ती आती है और जितना संभव होता है, उतना योग भी करती हूं. वहीं चित्रटोली मुहल्ले की 40 वर्षीया मंजू देवी कहती हैं कि मुझे शूगर है.

मैं गत नौ वर्षों से लगातार टहलती हूं. टहलने से जी को काफी सुकून मिलता है. अच्छा लगता है. इस दौरान सैकड़ों युवक भी टहलते मिले, जिनमें धर्मेंद्र, अनिल, कुंदन, जितेंद्र, प्रशांत ने बताया कि टहलने से खून का सर्कुलेशन होता है, शरीर में फुर्ती आती है और हम दिनभर काफी तरोताजा महसूस करते हैं.

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