आरा : पाकिस्तान से भारत लायी गयी गीता उर्फ फरजाना को अपनी बेटी बताने वाली बरहबतरा निवासी नौशाद अंसारी व उनकी पत्नी फमिदा खातुन के मामले की जांच को लेकर जिला प्रशासन द्वारा रिपोर्ट गृहमंत्रालय को भेजा गया है. सदर एसडीओ द्वारा कार्यपालक दंडाधिकारी सुनीता स्नेहा को जांच करने का आदेश दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने अपना जांच प्रतिवेदन प्रशासन को सौंपा. जांच प्रतिवेदन में यह कहा गया है कि गीता को बेटी बताने वाले परिजनों से संपर्क किया गया तो , परिवार वालों ने गीता के बारे में कई पहचान चिन्ह बताये.
मां फहिदा खातुन के अनुसार गीता के आंख पर गिलटी जैसा निशान है, लेकिन किस भाग में है यह याद नहीं है. दोनों पैर में जले का निशान है, चेहरे पर कहीं काला दाग है, लेकिन वह भी किस जगह पर है वह भी याद नहीं. हाथ की अंगुली थोड़ी टेढ़ी है, लेकिन किस हाथ की अंगुली टेढ़ी है, यह भी याद नहीं. वह न तो बोल सकती है और न सुन सकती है.
मेरे कुल पांच लड़के हैं, जिनमें तीन बच्ची है, इसमें से एक खो गयी है. लड़की के खोने के समय उसकी उम्र लगभग 11 साल थी. आज के समय में वह 17 साल की होगी. इससे संबंधित प्रतिवेदन कार्यपालक पदाधिकारी ने जांच के बाद एसडीओ को सौंपा. इस मौके पर मुहल्ले के गवाह के रूप में सकील अहमद, मो सुफियान खा, हारूण खां, मो दानिश, फरेयाद आलम, गुलशन खातुन आदि थे. बता दें कि कार्यपालक पदाधिकारी जब जांच करने बरहबतरा पहुंची तो उस समय गीता को अपनी पुत्री बताने वाले मो नौशाद रिक्सा चलाने गये थे, तब सिर्फ पत्नी से ही गीता के बारे में जानकारी हासिल की गयी.
जांच प्रतिवेदन भेजे जाने के बाद गृहमंत्रालय परिजनों द्वारा दी गयी बातों की जानकारी की जांच करेगा, इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी. जरूरत पड़ने पर डीएनए टेस्ट कराया जायेगा.