भागलपुर : तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश सुषमा त्रिवेदी की कोर्ट ने शुक्रवार को मो जुम्मन अंसारी की हत्या के आरोपित मो इस्लाम पर गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा, आरोपित के हत्या जैसे कृत्य से समाज पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है. कोई भी व्यक्ति दूसरे के झगड़े में बीच-बचाव करना नहीं चाहेगा. आरोपित ने जो […]
भागलपुर : तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश सुषमा त्रिवेदी की कोर्ट ने शुक्रवार को मो जुम्मन अंसारी की हत्या के आरोपित मो इस्लाम पर गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा, आरोपित के हत्या जैसे कृत्य से समाज पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है. कोई भी व्यक्ति दूसरे के झगड़े में बीच-बचाव करना नहीं चाहेगा. आरोपित ने जो काम किया है, वह समाज में गलत संदेश देता है.
मृतक को झगड़ा छुड़ाने जैसे अच्छे काम का खामियाजा अपनी जान देकर भुगतना पड़ा. आरोपित का अपराध मानव व समाज दोनों के लिए चिंता का विषय है. कोर्ट ने मामले में मो इस्लाम को उम्रकैद की सजा दी. इसके अलावा आरोपित पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया, जिसे नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतना होगा. कोर्ट ने जुर्माने की राशि को मो जुम्मन अंसारी के माता-पिता को देने के निर्देश दिये.
यह है मामला : मो इस्लाम की शादी संजीदा खातून से हुई थी. शादी के बाद किसी मामले को लेकर 14 मार्च 2014 को संजीदा खातून मो असलम के घर पर आ गयी. अगले दिन सुबह संजीदा खातून अपने मायके चली गयी. इस घटना को लेकर मो इस्लाम का मो असलम के साथ विवाद शुरू हो गया. 21 मार्च की रात मो इस्लाम, मो ओमीर, कारी खातून व रोमिला खातून मो असलम के घर पर आये. उनके साथ गाली गलौज करने लगे. हंगामा के दौरान मो असलम की बेटी हसीना का पति जुम्मन अंसारी और उनका बेटा खलील अंसारी बीच-बचाव करने लगा. तभी मो इस्लाम ने चाकू निकाला और जुम्मन अंसारी को घोंप दिया. घटना के बाद सभी फरार होने लगे. मगर मो इस्लाम पकड़ा गया. इधर, चिकित्सक ने जुम्मन अंसारी को मृत घोषित कर दिया. मो असलम की शिकायत पर मो इस्लाम, मो ओमीर, कारी खातून व रोमिला खातून के खिलाफ मामला दर्ज हो गया. इस मामले में दो अप्रैल 2014 को मो इस्लाम न्यायिक अभिरक्षा में गये थे. पुलिस ने 11 सितंबर 2014 को मो इस्लाम के खिलाफ आरोप गठित किया.
तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश सुषमा त्रिवेदी की कोर्ट में सुनवाई
ईशीपुर बाराहाट के शामपुर में चाकू से हमला करने से हुई थी मौत